बात 1490 की है। व्रन्दावन के निकट राजपुर नामक एक ग्राम में, एक साधारण परिवार में हरी नामक बालक का जन्म हुआ। बालक के पिता गंगाधर और माता चित्रा देवी अत्यंत सरल और कृष्ण भक्त थे, पर बालक बचपन से ही दुर्लभ प्रतिभा के धनी थे। उनकी संगीत में रुची थी इसलिए उन्होंने पिता से संगीत गुरु के पास जाने की जिद की। संगीत गुरु भी अत्यंत दुर्लभ प्रतिभा के मिले। उस समय भक्तिधारा अपने चरम पर थी और उन्होंने बालक हरि की दुर्लभ प्रतिभा को पहचान कर उसे तराशने की सोची। पर कोई भी प्रतिभा बिना कठिन परिश्रम और संघर्ष के तप नही निखर सकती। इसलिए महान प्रतिभा निर्माण महान संघर्ष मांगता है। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
बालक हरि को भी महान संघर्ष करना था। उनको उनके गुरु एक झरने के पास लेकर गए जिस पर एक बड़ी चट्टान पर जलधारा गिर रही थी। गुरु जी ने कहा कि उन्हें हर सुर और राग का तब तक अभ्यास करना है जब तक चट्टान के कट कर छोटे टुकड़े नही हो जाते और यह अभ्यास उन्हें जमीन पर नही बल्कि गर्दन तक पानी मे खड़े रहकर करना होगा। अब बालक हरि का समर्पण देखिए। उन्होंने उसी क्षण अभ्यास शुरू कर दिया। कई साल बीत गए। चट्टान छोटे छोटे टुकड़ों में बदल गयी और अभ्यास चलता रहा। बालक हरि अब युवा हो गए और साथ ही उनकी प्रतिभा भी। जब वो गाते तो सारी प्रकृति झूम उठती। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
अब आप उत्सुक होंगे यह जानने को कि यह बालक हरि आखिर थे कौन? यह बालक बाबा हरि दास थे। आपने महान संगीतज्ञ तानसेन और बेजुवावर का नाम सुना ही होगा, उनके गुरु थे, जिनके गाने से दीप जलने लगते थे। फूलों में बंद भवरे आजाद हो जाते थे। बारिश होने लगती थी। ऐसी महान प्रतिभाओं के गुरु को आप समझ सकते है, कितनी योग्यता होगी उनमें। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
बाबा हरि दास भक्त कवि, शास्त्रीय संगीतकार तथा कृष्णोपासक, सखी संप्रदाय के प्रवर्तक थे। इन्हें ललिता सखी का अवतार माना जाता है। वे वैष्णव भक्त थे तथा उच्च कोटि के संगीतज्ञ भी थे। वे प्राचीन शास्त्रीय संगीत के अद्भुत विद्वान एवम् चतुष् ध्रुपद शैली के रचयिता है। अकबर के बुलावे पर इन्होंने कहा कि इनके बादशाह भगवान कृष्ण है और सिर्फ उनके लिए ही ये गाते है। और तानसेन को खाली हाथ उन्होंने लौटा दिया था। अकबर ने इन्हें एक पूरा सूबा या उस समय का प्रदेश देने का प्रलोभन दिया था, पर ये किसी अन्य मिट्टी के बने थे। अकबर इनके दर्शन करने वृन्दावन गए थे। ‘केलिमाल’ में इनके सौ से अधिक पद संग्रहित हैं। इनकी वाणी सरस और भावुक है। ये महात्मा वृन्दावन में निंबार्क सखी संप्रदाय के संस्थापक थे और अकबर के समय में एक सिद्ध भक्त और संगीत-कला-कोविद माने जाते थे। कविता काल सन् 1543 से 1560 ई. है। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
यह प्रसिद्ध है कि अकबर बादशाह साधु के वेश में तानसेन के साथ इनका गाना सुनने के लिए गया था। कहते हैं कि तानसेन इनके सामने गाने लगे और उन्होंने जानबूझकर गाने में कुछ भूल कर दी। इस पर स्वामी हरिदास ने उसी गान को शुद्ध करके गाया। इस युक्ति से अकबर को इनका गाना सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो गया। पीछे अकबर ने बहुत कुछ पूजा चढ़ानी चाही पर इन्होंने स्वीकार नहीं की। अकबर ने कहा था कि छोटे जुगनू सूर्य की जगह नहीं ले सकते। उसी तरह 100 तानसेन और बेजुवावर भी उनका स्थान नही ले सकते। ऐसी मान्यता है कि आज मथुरा व्रन्दावन में भगवान कृष्ण की जो मूर्ति है वो इनके गायन से ही स्वयं प्रकट हुई थी, जो इनकी योग्यता से सही प्रतीत होती है। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
शिक्षा : समर्पण और कठिन अभ्यास के बिना कोई प्रतिभा नही निखर सकती। अब यह आपको तय करना है कि गुरु के प्रति समर्पित होकर और कठिन अभ्यास करके सफलता का हक़दार बनना है या फिर एक सामान्य जीवन जीना है।
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
सच्चा समर्पण-Story of Real Devotion
बात 1490 की है। व्रन्दावन के निकट राजपुर नामक एक ग्राम में, एक साधारण परिवार में हरी नामक बालक का जन्म हुआ। बालक के पिता गंगाधर और माता चित्रा देवी अत्यंत सरल और कृष्ण भक्त थे, पर बालक बचपन से ही दुर्लभ प्रतिभा के धनी थे। उनकी संगीत में रुची थी इसलिए उन्होंने पिता से संगीत गुरु के पास जाने की जिद की। संगीत गुरु भी अत्यंत दुर्लभ प्रतिभा के मिले। उस समय भक्तिधारा अपने चरम पर थी और उन्होंने बालक हरि की दुर्लभ प्रतिभा को पहचान कर उसे तराशने की सोची। पर कोई भी प्रतिभा बिना कठिन परिश्रम और संघर्ष के तप नही निखर सकती। इसलिए महान प्रतिभा निर्माण महान संघर्ष मांगता है। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
फ्री समय में हमें क्या करना चाहिए? 4 WORK
हरि का संघर्ष – Struggle Of Hari Das
बालक हरि को भी महान संघर्ष करना था। उनको उनके गुरु एक झरने के पास लेकर गए जिस पर एक बड़ी चट्टान पर जलधारा गिर रही थी। गुरु जी ने कहा कि उन्हें हर सुर और राग का तब तक अभ्यास करना है जब तक चट्टान के कट कर छोटे टुकड़े नही हो जाते और यह अभ्यास उन्हें जमीन पर नही बल्कि गर्दन तक पानी मे खड़े रहकर करना होगा। अब बालक हरि का समर्पण देखिए। उन्होंने उसी क्षण अभ्यास शुरू कर दिया। कई साल बीत गए। चट्टान छोटे छोटे टुकड़ों में बदल गयी और अभ्यास चलता रहा। बालक हरि अब युवा हो गए और साथ ही उनकी प्रतिभा भी। जब वो गाते तो सारी प्रकृति झूम उठती। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
कछुए की पीठ Story of Big Change
कौन था यह हरि? Who Was Hari Das
अब आप उत्सुक होंगे यह जानने को कि यह बालक हरि आखिर थे कौन? यह बालक बाबा हरि दास थे। आपने महान संगीतज्ञ तानसेन और बेजुवावर का नाम सुना ही होगा, उनके गुरु थे, जिनके गाने से दीप जलने लगते थे। फूलों में बंद भवरे आजाद हो जाते थे। बारिश होने लगती थी। ऐसी महान प्रतिभाओं के गुरु को आप समझ सकते है, कितनी योग्यता होगी उनमें। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
बाबा हरि दास भक्त कवि, शास्त्रीय संगीतकार तथा कृष्णोपासक, सखी संप्रदाय के प्रवर्तक थे। इन्हें ललिता सखी का अवतार माना जाता है। वे वैष्णव भक्त थे तथा उच्च कोटि के संगीतज्ञ भी थे। वे प्राचीन शास्त्रीय संगीत के अद्भुत विद्वान एवम् चतुष् ध्रुपद शैली के रचयिता है। अकबर के बुलावे पर इन्होंने कहा कि इनके बादशाह भगवान कृष्ण है और सिर्फ उनके लिए ही ये गाते है। और तानसेन को खाली हाथ उन्होंने लौटा दिया था। अकबर ने इन्हें एक पूरा सूबा या उस समय का प्रदेश देने का प्रलोभन दिया था, पर ये किसी अन्य मिट्टी के बने थे। अकबर इनके दर्शन करने वृन्दावन गए थे। ‘केलिमाल’ में इनके सौ से अधिक पद संग्रहित हैं। इनकी वाणी सरस और भावुक है। ये महात्मा वृन्दावन में निंबार्क सखी संप्रदाय के संस्थापक थे और अकबर के समय में एक सिद्ध भक्त और संगीत-कला-कोविद माने जाते थे। कविता काल सन् 1543 से 1560 ई. है। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
महान अभिनेत्री मर्लिन मुनरो की कहानी
यह प्रसिद्ध है कि अकबर बादशाह साधु के वेश में तानसेन के साथ इनका गाना सुनने के लिए गया था। कहते हैं कि तानसेन इनके सामने गाने लगे और उन्होंने जानबूझकर गाने में कुछ भूल कर दी। इस पर स्वामी हरिदास ने उसी गान को शुद्ध करके गाया। इस युक्ति से अकबर को इनका गाना सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो गया। पीछे अकबर ने बहुत कुछ पूजा चढ़ानी चाही पर इन्होंने स्वीकार नहीं की। अकबर ने कहा था कि छोटे जुगनू सूर्य की जगह नहीं ले सकते। उसी तरह 100 तानसेन और बेजुवावर भी उनका स्थान नही ले सकते। ऐसी मान्यता है कि आज मथुरा व्रन्दावन में भगवान कृष्ण की जो मूर्ति है वो इनके गायन से ही स्वयं प्रकट हुई थी, जो इनकी योग्यता से सही प्रतीत होती है। Devotion Can Change Your Life Wonderful Story
शिक्षा : समर्पण और कठिन अभ्यास के बिना कोई प्रतिभा नही निखर सकती। अब यह आपको तय करना है कि गुरु के प्रति समर्पित होकर और कठिन अभ्यास करके सफलता का हक़दार बनना है या फिर एक सामान्य जीवन जीना है।
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
Bhawani Singh
Young-Energetic Person, Animation Creator, Owner Of माँ शक्ति Creation-Graphics/3D/Web Design Services