भारतीय महिलाओं के संवैधानिक अधिकार Constitutional Rights of Indian Women
भारत के संविधान में महिलाओं को कई संवैधानिक अधिकार दिए हैं। या हम कह सकते हैं कि भारतीय महिलाओं की सुरक्षा हेतु कई शस्त्रों को उनके लिए सुसज्जित किया गया है। परंतु क्या सारी भारतीय महिलाएं ये कानून जानती है, जो उनके लाभ के लिए बनाए गए हैं? मेरा मानना है कि 10% महिलाओं को ही पता होगा कि उनके संवैधानिक अधिकार क्या है? आज महिलाएं पढ़ लिख तो जाती हैं परंतु वे संवैधानिक अधिकारों के बारे में कुछ भी नहीं जानती है। महिलाओं को जीवन में कुछ विपरीत परिस्थितियों का सामना करते वक्त यदि उन अधिकारों के बारे में पता हो तो वे उस परिस्थिति से लड़ने में और अपने अधिकारों को पाने में अधिक सक्षम होगी। How To Empower Indian Women अधिकारों के बारे में पता हो तो वे उस परिस्थिति से लड़ने में और अपने अधिकारों को पाने में अधिक सक्षम होगी-खुद अपनी नायिका बनें Become Your Role Model
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तो आइए सरल शब्दों में हम जानते हैं आपके अपने अधिकार—
1. प्रसूति लाभ अधिनियम 2017–
हाल ही में मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम 2017 में कई बदलाव किए गए हैं। इस अधिनियम के अनुसार गर्भावस्था के दौरान काम करने वाली महिलाओं के हितों की रक्षा का प्रावधान है। इसके अनुसार महिलाओं को कार्य स्थल पर विशेष सुविधाएं प्रदान करना, साथ ही मातृत्व अवकाश 12 से 26 सप्ताह का मिलना, घर से काम करने की सुविधा देना शामिल है। हर कंपनी या नियोक्ता को प्रत्येक महिला कर्मी को यह सुविधाएं प्रदान करना ही होगी। How To Empower Indian Women
2. कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम निषेध और निवारण का प्रावधान–
आजकल महिलाओं के प्रति यौन अपराधों की बढ़ोतरी को देखते हुए यह प्रावधान बनाया गया है, जिसमें यदि कोई पुरुष मालिक या सहयोगी द्वारा शारीरिक संपर्क की कोशिश, योन अनुरोध, योन से संबंधित टिप्पणी, अश्लीलता दिखाना या अवांछित शारीरिक, मौखिक, गैर मौखिक आचरण शामिल है। यदि महिलाओं के साथ इनमें से कुछ भी होता है तो वह पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकती है। How To Empower Indian Women अभ्यास आपको पूर्ण बनाता है Practice Makes Man Perfect
3. घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा 2005–
इस कानून के तहत कोई भी महिला चाहे वह पति हो, साथी हो, या परिवार के किसी सदस्य के द्वारा की जाने वाली हिंसा का विरोध कर सकती है। इसमें महिला अपने साथी, परिवार के सदस्यों के खिलाफ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक परेशानी की शिकायत दर्ज करा सकती है जो उसके जीवन और शांतिपूर्ण अस्तित्व के लिए खतरा बन रही हो। इस कानून में संशोधन के बाद विधवा महिलाओं और तलाक शुदा महिलाओं के लिए भी इस तरह के अधिकार बढ़ाए गए हैं। How To Empower Indian Women क्या आप सिलवेस्टर स्टैलोन को जानते हैं? Sylvester Stallone
4. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005–
यह अधिनियम सभी हिंदू महिलाओं को अपनी पैतृक संपत्ति पर नियंत्रण और शक्ति का अधिकार देता है। बेटियों के विवाह के बाद भी बेटियों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा। कैसे आती है SUPER SUCCESS? / SMART GOAL क्या है?
5. बाल विवाह अधिनियम निषेध 2006–
यह अधिकार वैसे तो अधिकांश महिलाएं जानती है पर फिर भी वे अपनी छोटी बच्चियों के मामले में पुरुषों द्वारा दबा दी जाती है। यह अधिकार उन बच्चियों को बचाता है जिनकी शादी कम उम्र में करने की कोशिश की जाती है। यह जानना जरूरी है कि एक लड़की के विवाह की कानूनी उम्र 18 साल है, जबकि लड़के की 21 वर्ष होती है। माता-पिता निर्धारित उम्र से पहले यदि अपने बच्चों को शादी के लिए मजबूर करते हैं तो वे इस कानून के तहत दंड के भागी माने जाएंगे। How To Empower Indian Women
6. स्ट्रीट पर उत्पीड़न–
इस कानून के तहत सार्वजनिक स्थान पर किसी महिला को प्रताड़ित करना या परेशान करने पर आईपीसी की धारा 294, 509 महिलाओं को बचाती है और ऐसा करने के लिए किसी पुरुष और समूह को प्रतिबंधित करती है। How To Empower Indian Women क्यों जरूरी है माइंड शार्प करना Story Of Axe man
7. दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961–
इस कानून ने बहुत-सी महिलाओं को जलने, आत्महत्या करने से बचाया है। इस अधिनियम का फायदा यह है कि भारतीय संस्कृति में जो दहेज देने और लेने की गलत परंपरा चली आ रही है उसका दुरुपयोग ना हो। यदि किसी महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है तो वह कानून का सहारा लेकर ससुराल वालों को दंडित कर सकती है। How To Empower Indian Women तरक्की रुकने का सबसे बड़ा कारण Painter Story
8. पुलिस से संबंधित अधिकार–
न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक महिला पुलिस अधिकारी (हेड कांस्टेबल से नीचे नहीं होना चाहिए) पूरे समय उपस्थित होना अनिवार्य है। महिला कांस्टेबल की अनुपस्थिति में पुरुष पुलिस अधिकारी द्वारा महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। साथ ही सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। बलात्कार पीड़ित महिला अपना बयान अपनी पसंद के स्थान पर ही रिकॉर्ड करवा सकती है। पीड़िता की चिकित्सा प्रक्रिया केवल सरकारी अस्पताल में ही होना चाहिए एवं सभी महिलाएं मुफ्त कानूनी सहायता लाभ लेने की हकदार है। How To Empower Indian Women
तो प्रिय मित्रों, इन कानूनी अधिकार को जानने के बाद, आप अपने आपको सक्षम अनुभव करेंगी और इनका उपयोग करके आप अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों को रोक सकती है। धन्यवाद What is Mind Conditioning- Two Stories
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। How To Save Money and Invest पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Empower Indian Women
भारतीय महिलाओं के संवैधानिक अधिकार Constitutional Rights of Indian Women
भारत के संविधान में महिलाओं को कई संवैधानिक अधिकार दिए हैं। या हम कह सकते हैं कि भारतीय महिलाओं की सुरक्षा हेतु कई शस्त्रों को उनके लिए सुसज्जित किया गया है। परंतु क्या सारी भारतीय महिलाएं ये कानून जानती है, जो उनके लाभ के लिए बनाए गए हैं? मेरा मानना है कि 10% महिलाओं को ही पता होगा कि उनके संवैधानिक अधिकार क्या है? आज महिलाएं पढ़ लिख तो जाती हैं परंतु वे संवैधानिक अधिकारों के बारे में कुछ भी नहीं जानती है। महिलाओं को जीवन में कुछ विपरीत परिस्थितियों का सामना करते वक्त यदि उन अधिकारों के बारे में पता हो तो वे उस परिस्थिति से लड़ने में और अपने अधिकारों को पाने में अधिक सक्षम होगी। How To Empower Indian Women अधिकारों के बारे में पता हो तो वे उस परिस्थिति से लड़ने में और अपने अधिकारों को पाने में अधिक सक्षम होगी-खुद अपनी नायिका बनें Become Your Role Model
तो आइए सरल शब्दों में हम जानते हैं आपके अपने अधिकार—
1. प्रसूति लाभ अधिनियम 2017–
हाल ही में मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम 2017 में कई बदलाव किए गए हैं। इस अधिनियम के अनुसार गर्भावस्था के दौरान काम करने वाली महिलाओं के हितों की रक्षा का प्रावधान है। इसके अनुसार महिलाओं को कार्य स्थल पर विशेष सुविधाएं प्रदान करना, साथ ही मातृत्व अवकाश 12 से 26 सप्ताह का मिलना, घर से काम करने की सुविधा देना शामिल है। हर कंपनी या नियोक्ता को प्रत्येक महिला कर्मी को यह सुविधाएं प्रदान करना ही होगी। How To Empower Indian Women
माइकल जॉर्डन की कहानी Michael Jordan’s Story
2. कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम निषेध और निवारण का प्रावधान–
आजकल महिलाओं के प्रति यौन अपराधों की बढ़ोतरी को देखते हुए यह प्रावधान बनाया गया है, जिसमें यदि कोई पुरुष मालिक या सहयोगी द्वारा शारीरिक संपर्क की कोशिश, योन अनुरोध, योन से संबंधित टिप्पणी, अश्लीलता दिखाना या अवांछित शारीरिक, मौखिक, गैर मौखिक आचरण शामिल है। यदि महिलाओं के साथ इनमें से कुछ भी होता है तो वह पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकती है। How To Empower Indian Women अभ्यास आपको पूर्ण बनाता है Practice Makes Man Perfect
3. घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा 2005–
इस कानून के तहत कोई भी महिला चाहे वह पति हो, साथी हो, या परिवार के किसी सदस्य के द्वारा की जाने वाली हिंसा का विरोध कर सकती है। इसमें महिला अपने साथी, परिवार के सदस्यों के खिलाफ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक परेशानी की शिकायत दर्ज करा सकती है जो उसके जीवन और शांतिपूर्ण अस्तित्व के लिए खतरा बन रही हो। इस कानून में संशोधन के बाद विधवा महिलाओं और तलाक शुदा महिलाओं के लिए भी इस तरह के अधिकार बढ़ाए गए हैं। How To Empower Indian Women क्या आप सिलवेस्टर स्टैलोन को जानते हैं? Sylvester Stallone
4. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005–
यह अधिनियम सभी हिंदू महिलाओं को अपनी पैतृक संपत्ति पर नियंत्रण और शक्ति का अधिकार देता है। बेटियों के विवाह के बाद भी बेटियों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा। कैसे आती है SUPER SUCCESS? / SMART GOAL क्या है?
5. बाल विवाह अधिनियम निषेध 2006–
यह अधिकार वैसे तो अधिकांश महिलाएं जानती है पर फिर भी वे अपनी छोटी बच्चियों के मामले में पुरुषों द्वारा दबा दी जाती है। यह अधिकार उन बच्चियों को बचाता है जिनकी शादी कम उम्र में करने की कोशिश की जाती है। यह जानना जरूरी है कि एक लड़की के विवाह की कानूनी उम्र 18 साल है, जबकि लड़के की 21 वर्ष होती है। माता-पिता निर्धारित उम्र से पहले यदि अपने बच्चों को शादी के लिए मजबूर करते हैं तो वे इस कानून के तहत दंड के भागी माने जाएंगे। How To Empower Indian Women
6. स्ट्रीट पर उत्पीड़न–
इस कानून के तहत सार्वजनिक स्थान पर किसी महिला को प्रताड़ित करना या परेशान करने पर आईपीसी की धारा 294, 509 महिलाओं को बचाती है और ऐसा करने के लिए किसी पुरुष और समूह को प्रतिबंधित करती है। How To Empower Indian Women क्यों जरूरी है माइंड शार्प करना Story Of Axe man
7. दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961–
इस कानून ने बहुत-सी महिलाओं को जलने, आत्महत्या करने से बचाया है। इस अधिनियम का फायदा यह है कि भारतीय संस्कृति में जो दहेज देने और लेने की गलत परंपरा चली आ रही है उसका दुरुपयोग ना हो। यदि किसी महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है तो वह कानून का सहारा लेकर ससुराल वालों को दंडित कर सकती है। How To Empower Indian Women तरक्की रुकने का सबसे बड़ा कारण Painter Story
8. पुलिस से संबंधित अधिकार–
न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक महिला पुलिस अधिकारी (हेड कांस्टेबल से नीचे नहीं होना चाहिए) पूरे समय उपस्थित होना अनिवार्य है। महिला कांस्टेबल की अनुपस्थिति में पुरुष पुलिस अधिकारी द्वारा महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। साथ ही सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। बलात्कार पीड़ित महिला अपना बयान अपनी पसंद के स्थान पर ही रिकॉर्ड करवा सकती है। पीड़िता की चिकित्सा प्रक्रिया केवल सरकारी अस्पताल में ही होना चाहिए एवं सभी महिलाएं मुफ्त कानूनी सहायता लाभ लेने की हकदार है। How To Empower Indian Women
तो प्रिय मित्रों, इन कानूनी अधिकार को जानने के बाद, आप अपने आपको सक्षम अनुभव करेंगी और इनका उपयोग करके आप अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों को रोक सकती है। धन्यवाद What is Mind Conditioning- Two Stories
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। How To Save Money and Invest पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Empower Indian Women
Prof. Vijay Laxmi Joshi
Happiness Coach, Relationship Expert, MA, M. Ed. Right Now Director Of Oxford Junior School, सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्षा