हम सभी जानते हैं कि हमारी आदतों का हमारे जीवन में बहुत बड़ा रोल है। एक अच्छी आदत हमें एक सफल जीवन की ओर ले जाती है और वहीं एक बुरी आदत हमारे जीवन को बर्बाद कर देती है। How To Find Faults 01 Tip
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आज हम एक कहानी के माध्यम से एक ऐसी आदत को जान सकेंगे जिसे बदलकर हम सफलता का स्वाद चख सकेंगे और पूरा जीवन हंसी खुशी से बिता सकेंगे।
कहानी कुछ इस तरह से है। बहुत पुराने समय की बात है एक गुरुकुल के आचार्य अपने एक शिष्य की सेवा भावना से बहुत खुश थे। शिक्षा पूरी होने के बाद शिष्य को विदा करते समय आचार्य ने आशीर्वाद के रूप में उसे एक ऐसा दर्पण उपहार में दिया, जिसमें व्यक्ति के मन के छिपे हुए भाव दिखाई देते थे। How To Find Faults 01 Tip
उपहार पाकर शिष्य बहुत खुश था। लेकिन पता करने के लिए कि सच में यह दर्पण काम करता है या नहीं उसने दर्पण का मुंह सबसे पहले अपने आचार्य की ओर कर दिया। शिष्य ने दर्पण में देखा कि उसके आचार्य के मन में मोह, अहंकार, क्रोध जैसी बुरी बातें हैं। How To Find Faults 01 Tip
यह देखकर शिष्य को बहुत दु:ख हुआ। क्योंकि वह अपने आचार्य को सभी बुराइयों से रहित समझता था। लेकिन उसने कुछ कहा नहीं और दर्पण लेकर गुरुकुल से रवाना हुआ।
फिर शिष्य ने अपने मित्रों और परिचितों के सामने दर्पण रख कर परीक्षा ली। शिष्य को सभी के मन में कोई ना कोई बुराई दिखाई दी। यहां तक कि शिष्य ने अपने माता-पिता के मन में भी कुछ बुराइयां देखी।
इसके बाद वह फिर एक बार गुरुकुल पहुंचा। गुरुकुल में शिष्य ने आचार्य से कहा कि गुरुदेव मैंने इस दर्पण की मदद से देखा कि सभी के मन में कुछ ना कुछ बुराई जरूर है।
तब आचार्य ने दर्पण का मुंह शिष्य की ओर कर दिया। शिष्य ने दर्पण में देखा कि उसके मन में भी अहंकार, क्रोध जैसी बुराइयां उपस्थित थी।
Final Lesson Of the Story कहानी का अंतिम सीख
आचार्य ने शिष्य को समझाते हुए कहा कि यह दर्पण मैंने तुम्हें स्वयं की बुराइयां देखकर खुद में सुधार करने के लिए दिया था। दूसरों की बुराइयां देखने के लिए नहीं। तुमने जितना समय दूसरों की बुराइयां देखने में लगाया उतना समय खुद को सुधारने में लगाते तो तुम्हारा जीवन अब तक बदल चुका होता। How To Find Faults 01 Tip
दोस्तों हम सभी की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि हम दूसरों की बुराइयां जानने में ज्यादा रुचि दिखाते हैं, जबकि खुद को सुधारने के बारे में नहीं सोचते। हमें दूसरों की बुराइयों को नहीं बल्कि खुद की बुराइयों को खोज कर समाप्त करना चाहिए। तभी हमारा जीवन सुखी व समृद्धि शाली हो सकता है।
तो दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आप को इस कहानी का सार समझ में आया होगा और आप भी आज से ही खुद की कमियों को देखकर उनमें सुधार करना शुरू कर देंगे। अंत में best of luck for a better future. How To Find Faults 01 Tip
यदि किसी मित्र के जीवन में भी परिवर्तन लाना चाहते हैं तो उसके साथ इस कहानी को शेयर करें। सफल लोगों की संख्या बढ़ाना ही मेरा मिशन है। सहयोग के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Find Faults 01 Tip
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ?
किसी ने कहा है कि यदि खुद को बड़ा बनाना है, तो औरों को बड़ा बनाना शुरू करो। यदि खुद को मदद चाहिए तो औरों की मदद करना शुरू करो और बस यही आधार बना badisuccess.com/ को शुरू करने का। MY CONTACT NO. 9753978693
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हम सभी जानते हैं कि हमारी आदतों का हमारे जीवन में बहुत बड़ा रोल है। एक अच्छी आदत हमें एक सफल जीवन की ओर ले जाती है और वहीं एक बुरी आदत हमारे जीवन को बर्बाद कर देती है। How To Find Faults 01 Tip
आज हम एक कहानी के माध्यम से एक ऐसी आदत को जान सकेंगे जिसे बदलकर हम सफलता का स्वाद चख सकेंगे और पूरा जीवन हंसी खुशी से बिता सकेंगे।
कहानी कुछ इस तरह से है। बहुत पुराने समय की बात है एक गुरुकुल के आचार्य अपने एक शिष्य की सेवा भावना से बहुत खुश थे। शिक्षा पूरी होने के बाद शिष्य को विदा करते समय आचार्य ने आशीर्वाद के रूप में उसे एक ऐसा दर्पण उपहार में दिया, जिसमें व्यक्ति के मन के छिपे हुए भाव दिखाई देते थे। How To Find Faults 01 Tip
उपहार पाकर शिष्य बहुत खुश था। लेकिन पता करने के लिए कि सच में यह दर्पण काम करता है या नहीं उसने दर्पण का मुंह सबसे पहले अपने आचार्य की ओर कर दिया। शिष्य ने दर्पण में देखा कि उसके आचार्य के मन में मोह, अहंकार, क्रोध जैसी बुरी बातें हैं। How To Find Faults 01 Tip
यह देखकर शिष्य को बहुत दु:ख हुआ। क्योंकि वह अपने आचार्य को सभी बुराइयों से रहित समझता था। लेकिन उसने कुछ कहा नहीं और दर्पण लेकर गुरुकुल से रवाना हुआ।
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फिर शिष्य ने अपने मित्रों और परिचितों के सामने दर्पण रख कर परीक्षा ली। शिष्य को सभी के मन में कोई ना कोई बुराई दिखाई दी। यहां तक कि शिष्य ने अपने माता-पिता के मन में भी कुछ बुराइयां देखी।
इसके बाद वह फिर एक बार गुरुकुल पहुंचा। गुरुकुल में शिष्य ने आचार्य से कहा कि गुरुदेव मैंने इस दर्पण की मदद से देखा कि सभी के मन में कुछ ना कुछ बुराई जरूर है।
तब आचार्य ने दर्पण का मुंह शिष्य की ओर कर दिया। शिष्य ने दर्पण में देखा कि उसके मन में भी अहंकार, क्रोध जैसी बुराइयां उपस्थित थी।
Final Lesson Of the Story कहानी का अंतिम सीख
आचार्य ने शिष्य को समझाते हुए कहा कि यह दर्पण मैंने तुम्हें स्वयं की बुराइयां देखकर खुद में सुधार करने के लिए दिया था। दूसरों की बुराइयां देखने के लिए नहीं। तुमने जितना समय दूसरों की बुराइयां देखने में लगाया उतना समय खुद को सुधारने में लगाते तो तुम्हारा जीवन अब तक बदल चुका होता। How To Find Faults 01 Tip
संभावना से संभव तक गरीबी से अमीरी तक
दोस्तों हम सभी की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि हम दूसरों की बुराइयां जानने में ज्यादा रुचि दिखाते हैं, जबकि खुद को सुधारने के बारे में नहीं सोचते। हमें दूसरों की बुराइयों को नहीं बल्कि खुद की बुराइयों को खोज कर समाप्त करना चाहिए। तभी हमारा जीवन सुखी व समृद्धि शाली हो सकता है।
तो दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आप को इस कहानी का सार समझ में आया होगा और आप भी आज से ही खुद की कमियों को देखकर उनमें सुधार करना शुरू कर देंगे। अंत में best of luck for a better future. How To Find Faults 01 Tip
यदि किसी मित्र के जीवन में भी परिवर्तन लाना चाहते हैं तो उसके साथ इस कहानी को शेयर करें। सफल लोगों की संख्या बढ़ाना ही मेरा मिशन है। सहयोग के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Find Faults 01 Tip
subhash
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ? किसी ने कहा है कि यदि खुद को बड़ा बनाना है, तो औरों को बड़ा बनाना शुरू करो। यदि खुद को मदद चाहिए तो औरों की मदद करना शुरू करो और बस यही आधार बना badisuccess.com/ को शुरू करने का। MY CONTACT NO. 9753978693