स्वामी विवेकानंद का जीवन प्रेरणा स्त्रोत है- The Life of Swami Vivekananda is Inspirational
स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता! स्वामी जी ने 39 साल की अल्पायु में पूरी दुनिया में भारत का नाम फैलाया। पूरी दुनिया के लिए उनका जीवन प्रेरणा स्त्रोत रहा है। उनके जीवन के अनेक प्रसंग हमें अंदर तक प्रेरित करते हैं। आज हम स्वामी विवेकानंद के तीन प्रेरक प्रसंग देखेंगे और उन्हें अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे। How To Focus The Goal
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पहला प्रसंग- हमेशा सच बोलो- Always tell the truth
स्वामी विवेकानंद शुरू से ही एक प्रतिभावान छात्र थे और सभी उनके व्यक्तित्व और वाणी से प्रभावित रहते थे। जब वे साथी छात्रों को कुछ बताते तो सब मंत्रमुग्ध हो उन्हें सुनते थे। एक दिन वे कक्षा में कुछ मित्रों को कहानी सुना रहे थे। सभी उनकी बातें सुनने में इतने मग्न थे कि उन्हें पता ही नहीं चला की कब मास्टर जी कक्षा में आ गए हैं। मास्टर जी ने पढ़ाना शुरू ही किया था कि उन्हें विवेकानंद और उनके साथियों की आवाज सुनाई दी। How To Focus The Goal
मास्टर जी ने पूछा, ”कौन बात कर रहा है?” सभी ने स्वामी जी और उनके साथ बैठे छात्रों की तरफ इशारा कर दिया।
मास्टर जी गुस्सा हो गए। उन्होंने तुरंत उन छात्रों को बुलाया और अपने पाठ से संबधित प्रश्न पूछने लगे। जब कोई भी उत्तर न दे सका, तब मास्टर जी ने स्वामी जी से भी प्रश्न पूछा।
स्वामी विवेकानंद ने उस प्रश्न का बहुत ही आसानी से और सारगर्भित उत्तर दिया।
यह देख कर मास्टर जी को यकीन हो गया कि स्वामी जी बात नहीं कर रहे थे और बाकी छात्र बात-चीत में लगे हुए थे। फिर क्या था उन्होंने स्वामी जी को छोड़ सभी को बेंच पर खड़े होने की सजा दे दी। लेकिन सभी छात्रों के साथ स्वामी विवेकानंद भी बेंच पर खड़े हो गए।
तब मास्टर जी बोले, ” नरेन्द्र तुम बैठ जाओ (स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था।)।
स्वामी विवेकानंद ने मास्टर जी से क्षमा मांगते हुए कहा कि सर, मैं ही इनसे बात कर रहा था। इसलिए मुझे भी इनके बराबर ही सजा मिलनी चाहिए।
दूसरा प्रसंग – अपने डर का सामना करो- Face your fears
यह प्रसंग स्वामी विवेकानंद के बचपन का है। बचपन में एक बार वे बनारस मैं गंगा नदी के किनारे घूम रहे थे। तभी बंदरों के एक समूह में उन्हें घेर लिया। बंदरों के उस समूह से स्वामी जी भयभीत हो गए और खुद को बचाने के लिए दौड़ कर भागने लगे।
तभी वहां खड़े एक सन्यासी ने उन्हें रोका और उनसे कहा बालक रुको और अपने डर का सामना करो और उन्हें एक लाठी पकड़ा दी।
स्वामी जी लाठी लेकर तुरन्त बंदरों की ओर बढ़ने लगे। ऐसा करते ही सभी बन्दर भाग गए।
इस घटना से स्वामी जी को एक गंभीर सीख मिली और कई सालों बाद उन्होंने एक संबोधन में कहा कि यदि तुम कभी किसी चीज से भयभीत हो तो उससे भागो मत, उसका सामना करो। तुम्हारा डर तुरंत भाग जाएगा। How To Focus The Goal
तीसरा प्रसंग – लक्ष्य पर ध्यान साधो- Focus on the goal
अमेरिकी प्रवास के दौरान एक बार स्वामी विवेकानंद अमेरिका में भ्रमण कर रहे थे। एक पुल से गुजरते हुए उन्होंने कुछ लड़कों को नदी में तैर रहे आलुओं पर बन्दूक से निशाना लगाते देखा। किसी भी लड़के का निशाना सही नहीं लग रहा था। तब स्वामी जी ने एक लड़के से बन्दूक ली और खुद निशाना लगाने लगे। उन्होंने पहला निशाना लगाया और वो बिलकुल सही लगा। फिर एक के बाद एक उन्होंने कुल 10 निशाने लगाये और सभी बिलकुल सटीक लगे। यह देख कर वहां पर खड़े सभी लोग दंग रह गए और उन्होंने स्वामी जी से पूछा कि आप इतना सटीक निशाना कैसे लगा सकते हैं?
स्वामी विवेकानंद ने कहा कि हम जिस काम को कर रहे हैं, यदि उस पर पूरे मन से, एकाग्र होकर, लक्ष्य साधें तो हमारा निशाना कभी नहीं चूकेगा। यदि तुम कोई पाठ याद कर रहे हो पूरी ऊर्जा, पूरे ध्यान के साथ पाठ को याद करने में लगाओ। How To Focus The Goal
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। How To Save Money and Invest पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Focus The Goal
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ?
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स्वामी विवेकानंद का जीवन प्रेरणा स्त्रोत है- The Life of Swami Vivekananda is Inspirational
स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता! स्वामी जी ने 39 साल की अल्पायु में पूरी दुनिया में भारत का नाम फैलाया। पूरी दुनिया के लिए उनका जीवन प्रेरणा स्त्रोत रहा है। उनके जीवन के अनेक प्रसंग हमें अंदर तक प्रेरित करते हैं। आज हम स्वामी विवेकानंद के तीन प्रेरक प्रसंग देखेंगे और उन्हें अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे। How To Focus The Goal
पहला प्रसंग- हमेशा सच बोलो- Always tell the truth
स्वामी विवेकानंद शुरू से ही एक प्रतिभावान छात्र थे और सभी उनके व्यक्तित्व और वाणी से प्रभावित रहते थे। जब वे साथी छात्रों को कुछ बताते तो सब मंत्रमुग्ध हो उन्हें सुनते थे। एक दिन वे कक्षा में कुछ मित्रों को कहानी सुना रहे थे। सभी उनकी बातें सुनने में इतने मग्न थे कि उन्हें पता ही नहीं चला की कब मास्टर जी कक्षा में आ गए हैं। मास्टर जी ने पढ़ाना शुरू ही किया था कि उन्हें विवेकानंद और उनके साथियों की आवाज सुनाई दी। How To Focus The Goal
मास्टर जी ने पूछा, ”कौन बात कर रहा है?” सभी ने स्वामी जी और उनके साथ बैठे छात्रों की तरफ इशारा कर दिया।
मास्टर जी गुस्सा हो गए। उन्होंने तुरंत उन छात्रों को बुलाया और अपने पाठ से संबधित प्रश्न पूछने लगे। जब कोई भी उत्तर न दे सका, तब मास्टर जी ने स्वामी जी से भी प्रश्न पूछा।
स्वामी विवेकानंद ने उस प्रश्न का बहुत ही आसानी से और सारगर्भित उत्तर दिया।
यह देख कर मास्टर जी को यकीन हो गया कि स्वामी जी बात नहीं कर रहे थे और बाकी छात्र बात-चीत में लगे हुए थे। फिर क्या था उन्होंने स्वामी जी को छोड़ सभी को बेंच पर खड़े होने की सजा दे दी। लेकिन सभी छात्रों के साथ स्वामी विवेकानंद भी बेंच पर खड़े हो गए।
तब मास्टर जी बोले, ” नरेन्द्र तुम बैठ जाओ (स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था।)।
स्वामी विवेकानंद ने मास्टर जी से क्षमा मांगते हुए कहा कि सर, मैं ही इनसे बात कर रहा था। इसलिए मुझे भी इनके बराबर ही सजा मिलनी चाहिए।
जंगल में आग लगी भागो रे भागो How To Control Our Action
दूसरा प्रसंग – अपने डर का सामना करो- Face your fears
यह प्रसंग स्वामी विवेकानंद के बचपन का है। बचपन में एक बार वे बनारस मैं गंगा नदी के किनारे घूम रहे थे। तभी बंदरों के एक समूह में उन्हें घेर लिया। बंदरों के उस समूह से स्वामी जी भयभीत हो गए और खुद को बचाने के लिए दौड़ कर भागने लगे।
तभी वहां खड़े एक सन्यासी ने उन्हें रोका और उनसे कहा बालक रुको और अपने डर का सामना करो और उन्हें एक लाठी पकड़ा दी।
स्वामी जी लाठी लेकर तुरन्त बंदरों की ओर बढ़ने लगे। ऐसा करते ही सभी बन्दर भाग गए।
इस घटना से स्वामी जी को एक गंभीर सीख मिली और कई सालों बाद उन्होंने एक संबोधन में कहा कि यदि तुम कभी किसी चीज से भयभीत हो तो उससे भागो मत, उसका सामना करो। तुम्हारा डर तुरंत भाग जाएगा। How To Focus The Goal
बिजनेसमैन और मछुआरा How To Think In Different Manner
तीसरा प्रसंग – लक्ष्य पर ध्यान साधो- Focus on the goal
अमेरिकी प्रवास के दौरान एक बार स्वामी विवेकानंद अमेरिका में भ्रमण कर रहे थे। एक पुल से गुजरते हुए उन्होंने कुछ लड़कों को नदी में तैर रहे आलुओं पर बन्दूक से निशाना लगाते देखा। किसी भी लड़के का निशाना सही नहीं लग रहा था। तब स्वामी जी ने एक लड़के से बन्दूक ली और खुद निशाना लगाने लगे। उन्होंने पहला निशाना लगाया और वो बिलकुल सही लगा। फिर एक के बाद एक उन्होंने कुल 10 निशाने लगाये और सभी बिलकुल सटीक लगे। यह देख कर वहां पर खड़े सभी लोग दंग रह गए और उन्होंने स्वामी जी से पूछा कि आप इतना सटीक निशाना कैसे लगा सकते हैं?
स्वामी विवेकानंद ने कहा कि हम जिस काम को कर रहे हैं, यदि उस पर पूरे मन से, एकाग्र होकर, लक्ष्य साधें तो हमारा निशाना कभी नहीं चूकेगा। यदि तुम कोई पाठ याद कर रहे हो पूरी ऊर्जा, पूरे ध्यान के साथ पाठ को याद करने में लगाओ। How To Focus The Goal
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। How To Save Money and Invest पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Focus The Goal
subhash
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ? किसी ने कहा है कि यदि खुद को बड़ा बनाना है, तो औरों को बड़ा बनाना शुरू करो। यदि खुद को मदद चाहिए तो औरों की मदद करना शुरू करो और बस यही आधार बना badisuccess.com/ को शुरू करने का। MY CONTACT NO. 9753978693