Bonsai Tree And Our Children

“अपने बच्चों को बोनसाई वृक्ष ना बनाएं उन्हें जंगल का वृक्ष बनने दें”

  हेलो, दोस्तों, मैं हूं विजयलक्ष्मी जोशी-How To Grow Children For Better Furure

आज मैं विषय लेकर आई हूं, बच्चों के लालन पोषण से संबंधित। हम में से अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को बोनसाई वृक्ष की तरह पाल रहे हैं। “अपने बच्चों को बोनसाई वृक्ष ना बनाएं उन्हें जंगल का वृक्ष बनने दें”

English Point
Learn Spoken English Easily

क्या होता है बोनसाई वृक्ष? Bonsai Tree And Our Children

बोनसाई वृक्ष उगाना एक  जापानी कला है, जिसमें कम मिट्टी, कम जगह लेकिन अधिक देखभाल का इस्तेमाल करके बोनसाई वृक्षों को उगाया जाता है। जो देखने में तो बहुत खूबसूरत सा बौना  वृक्ष होता है, लेकिन ना तो वह जंगल के वृक्ष की तरह मजबूत, छायादार, फलदार होता है और ना ही आंधी, तूफान, बरसात सहने की शक्ति रखता है|

हम इसी तरह अपने बच्चों को बहुत अधिक देखभाल देकर उन्हें बोनसाई वृक्ष बना रहे हैं। ना वे निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं और ना ही अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम है।

तो प्रश्न यह उठता है कि फिर बच्चों को कैसे वातावरण में पाला जाए जिससे वह आधुनिक युग कठिनाइयों से लड़ने में सक्षम हो? How To Grow Children For Better Furure

सुकरात की कहानी Story Of Socrates

इस समस्या का हल क्या है?

हम यदि वेद,  पुराण,  रामायण,  महाभारत में पढ़े,  तो हमें पता चलेगा कि पहले गुरुकुल में सभी वर्ग के बच्चों को एक समानता से पाला व शिक्षित किया जाता था। उनसे  शारीरिक श्रम व मानसिक श्रम करवाए जाते थे। तो क्या ऐसी शिक्षा दें? 

 हां। पूर्णतः तो नहीं, लेकिन हम कुछ अच्छी बातों को ध्यान में रखकर, यदि बच्चों का पालन करें तो शायद हम उन्हें बेहतरीन भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। 

1. बचपन से ही बच्चों से शारीरिक श्रम रूपी थोड़े बहुत काम करवाएं। 

2. चाहे वे कितने ही व्यस्त हों,  पशु पक्षियों को खाना देना और पूजा-पाठ संबंधित कार्य जरूर करवाएं। जिससे उनमें पशु पक्षी के प्रति दया एवं भगवान के प्रति आस्था जरूर उत्पन्न हो। 

3. छोटे-मोटे काम जैसे फार्म भरना,  फीस जमा करना,  बिजली का बिल भरना,  गैस का बिल भरना आदि  की जिम्मेदारी उन्हें शुरू से ही देना चाहिए। 

4. घर की महिलाओं के प्रति बच्चों को कृतज्ञता की शिक्षा दें। उन्हें बताएं कि उनकी मां,  दादी,  चाची,  बुआ,  मामी आदि कितना कार्य करती हैं तुम्हारे लिए। 

5. किशोर उम्र आते-आते उन्हें बाहर गांव जाने जैसे कार्यों के लिए भी पारंगत करें। क्योंकि जब वे 12वीं के बाद दूसरे शहर जाएंगे तो उन्हें आने-जाने का अनुभव पहले से ही रहेगा, जो कि लाभप्रद होगा। How To Grow Children For Better Furure

गीदड़ की सूझबूझ की कहानी Story of Wise Jackal

6. बच्चों को पैसे कमाने में लगने वाली मेहनत से अवगत कराएं एवं बचत करना भी सिखाए। 

7. पैसों का लेनदेन, प्रॉपर्टी से संबंधित बातें बच्चों के सामने करें जिसे वे  भी सुने और समझने का प्रयास करें। 

8. सप्ताह में एक दिन एक-दो घंटे उन्हें प्रकृति के बीच बिताने का का कहें।  पौधे लगाना, उनकी देखभाल करना  एवं उनका महत्व बताना  आदि बातों का उन्हें ज्ञान करवाएं।

मेरा मानना है कि यदि हम इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो हम हमारे बच्चों को जंगल के वृक्ष की भांति हरा-भरा, खुश-नुमा, फूल-फल से लदा हुआ और जीवन के थपेड़ों को सहने योग्य बना पाएंगे और यह सब संभव होगा, समय देने से। अपने बच्चों को पैसा भले ही कम दीजिए, लेकिन अपना समय जरूर दीजिए। How To Grow Children For Better Furure

                 धन्यवाद 

  1. बुद्ध का संदेश Amazing Thoughts of Buddha
  2. सुकरात की कहानी Story Of Socrates
  3. सफल होना है तो ये प्रश्न खुद से पूछते रहो
  4. गीदड़ की सूझबूझ की कहानी Story of Wise Jackal
  5. दोस्त और भालू की कहानी Story of Friend and Bear
  6. दो अद्भुत सच्ची कहानी Two Amazing True Stories
  7. आप कितने आशावादी हो? Hope and Happiness
  8. 10 मिनट में उदासी दूर How to Remove Depression
  9. दुनिया की सबसे कीमती चीज-Time
  10. फ्री समय में हमें क्या करना चाहिए? 4 WORK
  11. Nervous By English, Read It
  12. दुनिया का आठवां अजूबा-Compound Effect

यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ  badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Share & Help Others
error6
fb-share-icon100
Tweet 20
fb-share-icon20
Basic Preposition For Competitive Exam
How To Complete Syllabus For UPSC-IAS

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *