IMMUNITY(प्रतिरक्षा तंत्र) एवं उसके कमजोर होने के कारण
[ ] इम्यूनिटी को समझने के लिए जरूरी है -How To Improve Our-IMMUNITY
शरीर का निज(स्वयं के) और बाहर से आए (आगंतुज) द्रव्यों की पहचान करना, क्योंकि शरीर इन दोनों के साथ अलग-अलग व्यवहार करता है।
शरीर का प्रतिरक्षक तन्त्र या इम्यून सिस्टम अपनत्व-परत्व के भेद को बहुत अच्छे से जानता है।
उदाहरण के लिए, मनुष्य के शरीर की प्रतिरक्षक सेल्स को पता चल जाता है कि कौन सी सेल अपने रक्त की है और कौन सी बाहर से आई वायरस सेल है।
फिर वह अपनी रक्त-सेल से अलग व्यवहार करता है, और आगंतुज (बाहर से आयी) वायरस से अलग । How To Improve Our-IMMUNITY
प्रतिरक्षा-तन्त्र बहुत-ही जटिल है।
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इसमें अनेक केमिकल्स हैं, अलग-अलग प्रकार के सेल्स हैं।
इन सब के अपने अलग-अलग कार्य है। यह एक ऐसे बहुत से तारों वाले इलेक्ट्रिक सर्किट की तरह जिसके एक तार को समझकर उसकी कार्यप्रणाली को नही समझा जा सकता है ।
प्रतिरक्षा-तन्त्र का सम्पूर्ण शरीर में व्याप्त होना इसका दूसरा गुण है। प्रतिरक्षक सेल हर जगह पायी जाती हैं :-
रस(Plasma)में, रक्त(blood)में, त्वचा(skin)में , फेफड़ों व आंतों में, मस्तिष्क व यकृत आदि समस्त शरीर में। How To Improve Our-IMMUNITY
इस सर्वव्याप्त प्रतिरक्षा तन्त्र के दो भाग हैं या कहें कि शरीर में इम्यूनिटी दो तरह से कार्य करती है :-
1. अंतस्थ (Innate) प्रतिरक्षा-तन्त्र
2. अर्जित (Acquired) प्रतिरक्षा-तन्त्र
इम्यून सिस्टम के इन दोनों भागों को समझकर हम इसके कार्य को समझ सकते हैं।
[ ] अन्तःस्थ का अर्थ है जो पहले से हमारे शरीर में उपस्थित हो। इसे ही Innate कहते हैं। प्रतिरक्षा-तन्त्र के इस भाग में वह केमिकल्स और सेल आती हैं , जो पहले से जीवों के शरीर में रहती रही हैं, मतलब वह केवल मनुष्यों में ही हों, ऐसा नहीं है, बाकि जीव-जन्तुओं में भी उनके जैसे केमिकल्स-सेल पाई जाती हैं, जो Infection से शरीर को बचाती हैं। उदाहरण :- हमारी त्वचा में , आमाशय में पाए जाने वाले हायड्रोक्लोरिक अम्ल, ये ऑर्गन – केमिकल अनेक जीवों में पाये जाते हैं और इनका काम उन जीवों को बाहरी कीटाणुओं से बचाना होता है। इसी तरह से हमारे शरीर में मौजूद न्यूट्रोफिल, मोनोसाइट, लिम्फोसाइट, टी सेल्स आदि जैसी प्रतिरक्षक सेल्स हैं। अन्तःस्थ प्रतिरक्षा-तन्त्र first line of defense की तरह शरीर में आने वाले Infection से लडता है , लेकिन यह बहुत उन्नत और विशिष्ट नहीं होने से इसके सेल्स को अलग-अलग शत्रुओं की पहचान नहीं होती। शत्रु को नष्ट कर देने के बाद ये सेल्स इस लडाई की कोई मेमोरी नहीं रखतीं।
[ ] अर्जित का अर्थ होता है जो हमारे शरीर को विरासत में नहीं मिला , बनाना पड़ेगा। प्रतिरक्षा-तन्त्र का यह अधिक उन्नत भाग है। इसके केमिकल्स और सेल विशिष्ट होते हैं । विशेष केमिकल्स और सेल विशेष वायरस से लड़ते हैं। हर किस्म के वायरस के शरीर में प्रवेश करने पर विशेष तरीके की प्रतिरक्षक सेल्स का विकास किया जाता है, जो वायरस से लड़कर उन्हें नष्ट करती हैं। लड़ाई में इन वायरस को हराने के बाद ये सेल्स अपने अंदर इन हराये गये वायरस की मेमोरी रखती हैं, ताकि भविष्य में अधिक आसानी से इन्हें हरा सकें। टी सेल्स अर्जित प्रतिरक्षा-तन्त्र की प्रमुख सेल्स का प्रकार हैं। अर्जित प्रतिरक्षा-तन्त्र का विकास infection से हो सकता है और Vaccine लगा कर भी। Infection से होने वाला विकास Natural है और Vaccine (टीके) द्वारा होने वाला विकास मानव-निर्मित होता है। How To Improve Our-IMMUNITY
Innate और Acquired , Immunity System के दोनों भाग मिलकर Infection से लड़ते हैं। किसी Infection में अन्तःस्थ प्रतिरक्षा अधिक काम आती है, तो किसी में अर्जित प्रतिरक्षा , तो किसी में दोनों।
वर्तमान Covid-19 Pandemic ( वैश्विक महामारी ) एक वायरस SARS – COV 2 के कारण हो रही है। इस वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद प्रतिरक्षा-तन्त्र के दोनों भाग Innate व Acquired प्रतिरक्षा-तन्त्र active हो जाते हैं। वे वायरस से भरी सेल्स को तरह-तरह से नष्ट करने की कोशिश करते हैं। चूंकि यह virus नया है , इसलिए अन्तःस्थ प्रतिरक्षा-तन्त्र इससे सुरक्षा में बहुत योगदान नहीं दे पाता। ऐसे में अर्जित प्रतिरक्षा तन्त्र पर ही यह ज़िम्मा आ पड़ता है कि वह सही सेल्स व केमिकल्स का विकास करके इस वायरस से शरीर की रक्षा करे। मनुष्य के प्रतिरक्षा-तन्त्र के लिए यह infection नया है , अतः पहले उसे समझने और फिर लड़ने में लगा हुआ है। How To Improve Our-IMMUNITY
ऐसे में उचित Vaccine (टीके) के निर्माण से हम प्रतिरक्षा-तन्त्र की अर्जित प्रतिरक्षा को मजबूत कर सकते हैं। इस प्रकार ट्रेन्ड सेल्स के पहले से मौजूद होने पर शरीर जब sars-cov 2 दाखिल होगा , तब ये सेल्स उसे आसानी से नष्ट कर सकेंगी।
[ ] इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण है :-Improve These Things
1. खराब खान-पान :-
जैसे जंक फूड या फैटी फूड या बिमार खाना।
2. असमय भोजन :-
चाहे वह नौकरी के कारण हो या दौड़ भाग वाली दिनचर्या के कारण भूख के समय ना खाकर जब समय मिले तब खाना एवं अव्यवस्थित रूप से खाना।
3. कम नींद लेना :-
इससे दिमाग की सेल्स को पर्याप्त आराम न मिलने से वह कमजोर होती है ।
4. तनाव :-
इसके कारण खून में Cortisol नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे इम्युनिटी कमजोर होती है ।
5. पानी कम पीना :-
दिन में 8 से 10 गिलास पानी ना पीने से शरीर में जो 70% से 65% पानी है उसमें कमी हो जाने से कार्यप्रणाली में बाधा आती है।
6. चाय कॉफी का अधिक सेवन :-
कैफीन की मात्रा खून में अधिक हो जाने से हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है जिससे इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता।
7. पर्सनल हाइजीन या स्वयं की स्वच्छता का पूर्ण ध्यान न रखना :-
जैसे रोज न नहाना, नाखून साफ व कटे न रखना, मल मार्गों की शुद्धि ना रखना, दाढी-सर के बालों का साफ न रखना आदि।
8. शारीरिक श्रम की कमी :-
टेक्नोलॉजी के कारण शारीरिक श्रम में कमी होती जा रही है जिससे पसीना कम या बिलकुल नहीं निकलता जिससे शरीर के विषाक्त पदार्थ शरीर में ही रह जाते हैं और यह प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करते हैं ।
9. व्यवहारिक गंभीरता वैसे तो हम इसे अच्छा मानते हैं और यह है भी परंतु जो लोग इमोशंस को ज्यादा रोकते हैं उनमें खून में Cortisol की मात्रा बढ़कर प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करती है।
इन सभी कारणों का ध्यान रखते हुए, अपनी प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर होने से रोकने की कोशिश करनी चाहिए।
हमेशा रिलैक्स रहे, खुश रहे ।
हम सब यह समझ सकते हैं कि अगर हम इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किसी दवाई आदि किसी भी चीज उपयोग करें लेकिन इन कारणों पर ध्यान नहीं दे तो क्या हमारी इम्यूनिटी मजबूत होगी ?
क्या हम स्वस्थ रह पाएंगे ?
विचार करें ;
अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें, स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें ।।
वैद्य अश्विन पंड्या, MD Ayurveda, D. N. H. E.
Director Of Ayurvedic Kendra Indore
Former Dr. At Preventous Wellness Centre And Moksha Ayurveda & Panchkarma Centre
Owner Of ASAN Ayurveda
IMMUNITY(प्रतिरक्षा तंत्र) एवं उसके कमजोर होने के कारण
[ ] इम्यूनिटी को समझने के लिए जरूरी है -How To Improve Our-IMMUNITY
शरीर का निज(स्वयं के) और बाहर से आए (आगंतुज) द्रव्यों की पहचान करना, क्योंकि शरीर इन दोनों के साथ अलग-अलग व्यवहार करता है।
शरीर का प्रतिरक्षक तन्त्र या इम्यून सिस्टम अपनत्व-परत्व के भेद को बहुत अच्छे से जानता है।
उदाहरण के लिए, मनुष्य के शरीर की प्रतिरक्षक सेल्स को पता चल जाता है कि कौन सी सेल अपने रक्त की है और कौन सी बाहर से आई वायरस सेल है।
फिर वह अपनी रक्त-सेल से अलग व्यवहार करता है, और आगंतुज (बाहर से आयी) वायरस से अलग । How To Improve Our-IMMUNITY
प्रतिरक्षा-तन्त्र बहुत-ही जटिल है।
इसमें अनेक केमिकल्स हैं, अलग-अलग प्रकार के सेल्स हैं।
इन सब के अपने अलग-अलग कार्य है। यह एक ऐसे बहुत से तारों वाले इलेक्ट्रिक सर्किट की तरह जिसके एक तार को समझकर उसकी कार्यप्रणाली को नही समझा जा सकता है ।
प्रतिरक्षा-तन्त्र का सम्पूर्ण शरीर में व्याप्त होना इसका दूसरा गुण है। प्रतिरक्षक सेल हर जगह पायी जाती हैं :-
रस(Plasma)में, रक्त(blood)में, त्वचा(skin)में , फेफड़ों व आंतों में, मस्तिष्क व यकृत आदि समस्त शरीर में। How To Improve Our-IMMUNITY
इस सर्वव्याप्त प्रतिरक्षा तन्त्र के दो भाग हैं या कहें कि शरीर में इम्यूनिटी दो तरह से कार्य करती है :-
1. अंतस्थ (Innate) प्रतिरक्षा-तन्त्र
2. अर्जित (Acquired) प्रतिरक्षा-तन्त्र
इम्यून सिस्टम के इन दोनों भागों को समझकर हम इसके कार्य को समझ सकते हैं।
[ ] अन्तःस्थ का अर्थ है जो पहले से हमारे शरीर में उपस्थित हो। इसे ही Innate कहते हैं। प्रतिरक्षा-तन्त्र के इस भाग में वह केमिकल्स और सेल आती हैं , जो पहले से जीवों के शरीर में रहती रही हैं, मतलब वह केवल मनुष्यों में ही हों, ऐसा नहीं है, बाकि जीव-जन्तुओं में भी उनके जैसे केमिकल्स-सेल पाई जाती हैं, जो Infection से शरीर को बचाती हैं। उदाहरण :- हमारी त्वचा में , आमाशय में पाए जाने वाले हायड्रोक्लोरिक अम्ल, ये ऑर्गन – केमिकल अनेक जीवों में पाये जाते हैं और इनका काम उन जीवों को बाहरी कीटाणुओं से बचाना होता है। इसी तरह से हमारे शरीर में मौजूद न्यूट्रोफिल, मोनोसाइट, लिम्फोसाइट, टी सेल्स आदि जैसी प्रतिरक्षक सेल्स हैं। अन्तःस्थ प्रतिरक्षा-तन्त्र first line of defense की तरह शरीर में आने वाले Infection से लडता है , लेकिन यह बहुत उन्नत और विशिष्ट नहीं होने से इसके सेल्स को अलग-अलग शत्रुओं की पहचान नहीं होती। शत्रु को नष्ट कर देने के बाद ये सेल्स इस लडाई की कोई मेमोरी नहीं रखतीं।
[ ] अर्जित का अर्थ होता है जो हमारे शरीर को विरासत में नहीं मिला , बनाना पड़ेगा। प्रतिरक्षा-तन्त्र का यह अधिक उन्नत भाग है। इसके केमिकल्स और सेल विशिष्ट होते हैं । विशेष केमिकल्स और सेल विशेष वायरस से लड़ते हैं। हर किस्म के वायरस के शरीर में प्रवेश करने पर विशेष तरीके की प्रतिरक्षक सेल्स का विकास किया जाता है, जो वायरस से लड़कर उन्हें नष्ट करती हैं। लड़ाई में इन वायरस को हराने के बाद ये सेल्स अपने अंदर इन हराये गये वायरस की मेमोरी रखती हैं, ताकि भविष्य में अधिक आसानी से इन्हें हरा सकें। टी सेल्स अर्जित प्रतिरक्षा-तन्त्र की प्रमुख सेल्स का प्रकार हैं। अर्जित प्रतिरक्षा-तन्त्र का विकास infection से हो सकता है और Vaccine लगा कर भी। Infection से होने वाला विकास Natural है और Vaccine (टीके) द्वारा होने वाला विकास मानव-निर्मित होता है। How To Improve Our-IMMUNITY
Innate और Acquired , Immunity System के दोनों भाग मिलकर Infection से लड़ते हैं। किसी Infection में अन्तःस्थ प्रतिरक्षा अधिक काम आती है, तो किसी में अर्जित प्रतिरक्षा , तो किसी में दोनों।
वर्तमान Covid-19 Pandemic ( वैश्विक महामारी ) एक वायरस SARS – COV 2 के कारण हो रही है। इस वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद प्रतिरक्षा-तन्त्र के दोनों भाग Innate व Acquired प्रतिरक्षा-तन्त्र active हो जाते हैं। वे वायरस से भरी सेल्स को तरह-तरह से नष्ट करने की कोशिश करते हैं। चूंकि यह virus नया है , इसलिए अन्तःस्थ प्रतिरक्षा-तन्त्र इससे सुरक्षा में बहुत योगदान नहीं दे पाता। ऐसे में अर्जित प्रतिरक्षा तन्त्र पर ही यह ज़िम्मा आ पड़ता है कि वह सही सेल्स व केमिकल्स का विकास करके इस वायरस से शरीर की रक्षा करे। मनुष्य के प्रतिरक्षा-तन्त्र के लिए यह infection नया है , अतः पहले उसे समझने और फिर लड़ने में लगा हुआ है। How To Improve Our-IMMUNITY
ऐसे में उचित Vaccine (टीके) के निर्माण से हम प्रतिरक्षा-तन्त्र की अर्जित प्रतिरक्षा को मजबूत कर सकते हैं। इस प्रकार ट्रेन्ड सेल्स के पहले से मौजूद होने पर शरीर जब sars-cov 2 दाखिल होगा , तब ये सेल्स उसे आसानी से नष्ट कर सकेंगी।
[ ] इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण है :-Improve These Things
1. खराब खान-पान :-
जैसे जंक फूड या फैटी फूड या बिमार खाना।
2. असमय भोजन :-
चाहे वह नौकरी के कारण हो या दौड़ भाग वाली दिनचर्या के कारण भूख के समय ना खाकर जब समय मिले तब खाना एवं अव्यवस्थित रूप से खाना।
3. कम नींद लेना :-
इससे दिमाग की सेल्स को पर्याप्त आराम न मिलने से वह कमजोर होती है ।
4. तनाव :-
इसके कारण खून में Cortisol नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे इम्युनिटी कमजोर होती है ।
5. पानी कम पीना :-
दिन में 8 से 10 गिलास पानी ना पीने से शरीर में जो 70% से 65% पानी है उसमें कमी हो जाने से कार्यप्रणाली में बाधा आती है।
6. चाय कॉफी का अधिक सेवन :-
कैफीन की मात्रा खून में अधिक हो जाने से हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है जिससे इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता।
7. पर्सनल हाइजीन या स्वयं की स्वच्छता का पूर्ण ध्यान न रखना :-
जैसे रोज न नहाना, नाखून साफ व कटे न रखना, मल मार्गों की शुद्धि ना रखना, दाढी-सर के बालों का साफ न रखना आदि।
8. शारीरिक श्रम की कमी :-
टेक्नोलॉजी के कारण शारीरिक श्रम में कमी होती जा रही है जिससे पसीना कम या बिलकुल नहीं निकलता जिससे शरीर के विषाक्त पदार्थ शरीर में ही रह जाते हैं और यह प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करते हैं ।
9. व्यवहारिक गंभीरता वैसे तो हम इसे अच्छा मानते हैं और यह है भी परंतु जो लोग इमोशंस को ज्यादा रोकते हैं उनमें खून में Cortisol की मात्रा बढ़कर प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करती है।
इन सभी कारणों का ध्यान रखते हुए, अपनी प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर होने से रोकने की कोशिश करनी चाहिए।
हमेशा रिलैक्स रहे, खुश रहे ।
हम सब यह समझ सकते हैं कि अगर हम इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किसी दवाई आदि किसी भी चीज उपयोग करें लेकिन इन कारणों पर ध्यान नहीं दे तो क्या हमारी इम्यूनिटी मजबूत होगी ?
क्या हम स्वस्थ रह पाएंगे ?
विचार करें ;
अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें, स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें ।।
शुभेच्छु
वैद्य अश्विन पंड्या
M.D. आयुर्वेद
ASAN Ayurveda
Dr. Ashwin Pandya
वैद्य अश्विन पंड्या, MD Ayurveda, D. N. H. E. Director Of Ayurvedic Kendra Indore Former Dr. At Preventous Wellness Centre And Moksha Ayurveda & Panchkarma Centre Owner Of ASAN Ayurveda