मुलायम रस्सी कठोर पत्थर गहरा निशान अद्भुत कहानी – Soft rope hard stone deep trail wonderful story
यदि इंसान चिंता के स्थान पर चिंतन करें और ध्यान पूर्वक अपनी समस्या को हल करने का प्रयास करें तो उसे कहीं से भी प्रेरणा मिल सकती है। आज की कहानी ऐसे ही एक मंदबुद्धि बालक की है, जिसने अपने अभ्यास के द्वारा बड़े होकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। How To Know Our Destiny
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प्राचीन समय की बात है। एक विद्यालय में एक बालक पढ़ता था, जिसे सभी लोग मंदबुद्धि कहते थे। वजह यह थी कि वह समझने में समय लगाता था और फिर भी उचित परिणाम नहीं दे पाता था।
उसके टीचर भी उससे नाराज रहते थे, क्योंकि वह पढ़ने में बहुत कमजोर था और उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था। परीक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा खराब हो रहता था। इसलिए बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे।
धीरे धीरे स्कूल जाना उसके लिए एक सजा के समान हो गया था। वह जैसे ही कक्षा में घुसता बच्चे उस पर हंसने लगते। कोई उसे महामूर्ख, तो कोई उसे बैलों का राजा कहता था। यहाँ तक की कुछ अध्यापक भी उसका मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते थे। How To Know Our Destiny छात्र जीवन कैसे जिए How To Live Student Life 01 Tip
इन सबसे परेशान होकर उसने स्कूल जाना ही छोड़ दिया। अब वह दिन भर इधर-उधर भटकता और अपना समय बर्बाद कर रहा था। इसी तरह एक दिन वह घूम रहा था। घूमते घूमते उस प्यास लगी और उसने पानी खोजना शुरू किया।
उसे दूर एक कुआं नजर आया जहां पर एक व्यक्ति पानी भर रहा था। उसने उस व्यक्ति से पानी मांगा और अपनी प्यास बुझाई।
उस आदमी ने उससे पूछा तुम यहां के तो नजर नहीं आते, तुम कौन हो और यहां क्यों घूम रहे हो?
उस बालक ने कहा कि मैं बहुत ही मंदबुद्धि हूं और स्कूल में सभी मेरा मजाक उड़ाते हैं। इसलिए मैं स्कूल से भाग आया हूं और अब कभी स्कूल नहीं जाऊंगा। क्योंकि मैं कुछ नहीं सीख सकता।
तब पानी पिलाने वाले व्यक्ति ने उससे कहा कि जरा इस पत्थर को देखो। इस पत्थर पर हम रोज पानी भरते हैं। यह मुलायम रस्सी इस कठोर पत्थर पर रोज के घिसाती है और देखो इस मुलायम रस्सी ने इस पर कितना गहरा निशान बना दिया है। जब यह मुलायम रस्सी इस कठोर पत्थर पर निशान बना सकती है तो फिर तुम कोई चीज क्यों नहीं सीख सकते हो। यदि तुम मन लगाकर, विश्वास रखकर ज्यादा अभ्यास करो तो तुम भी यह सब सीख सकते हो। How To Know Our Destiny
इस बात ने उस बालक के मन में जगह कर दी। उसके मन में विश्वास को जगा दिया और उसकी ऊर्जा को सही दिशा में बहने का अवसर प्राप्त हो गया। फिर क्या था, उसने फिर से स्कूल आकर मन लगाकर पढ़ाई करना शुरू कर दिया। भले ही और लोग उस पर हंस रहे थे लेकिन उसने अपना ध्यान सिर्फ अपनी पढ़ाई पर लगाया। उसकी लगन और अथक परिश्रम देखकर अध्यापकों ने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया और कुछ सालों बाद यही विद्यार्थी प्रकांड विद्वान वरदराज के रूप में विख्यात हुआ। जिसने संस्कृत में मुग्धबोध और लघुसिद्धांत कौमुदी जैसे ग्रंथों की रचना की। How To Know Our Destiny
इस सच्ची लघु कथा का आशय सिर्फ इतना है कि यदि हम अपनी कमजोरी पर जीत हासिल करना चाहते हैं तो हमें जरूरत है- कठिन परिश्रम और धैर्य की। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें एक समय सीमा की जरूरत है। यदि हम लगातार अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहे और अथक परिश्रम करते रहे तो सभी लोग हमें सहायता प्रदान करेंगे और हम निश्चित ही प्रकांड विद्वान वरदराज की तरह सफल सिद्ध होंगे। How To Know Our Destiny
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। How To Save Money and Invest पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Know Our Destiny
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ?
किसी ने कहा है कि यदि खुद को बड़ा बनाना है, तो औरों को बड़ा बनाना शुरू करो। यदि खुद को मदद चाहिए तो औरों की मदद करना शुरू करो और बस यही आधार बना badisuccess.com/ को शुरू करने का। MY CONTACT NO. 9753978693
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मुलायम रस्सी कठोर पत्थर गहरा निशान अद्भुत कहानी – Soft rope hard stone deep trail wonderful story
यदि इंसान चिंता के स्थान पर चिंतन करें और ध्यान पूर्वक अपनी समस्या को हल करने का प्रयास करें तो उसे कहीं से भी प्रेरणा मिल सकती है। आज की कहानी ऐसे ही एक मंदबुद्धि बालक की है, जिसने अपने अभ्यास के द्वारा बड़े होकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। How To Know Our Destiny
प्राचीन समय की बात है। एक विद्यालय में एक बालक पढ़ता था, जिसे सभी लोग मंदबुद्धि कहते थे। वजह यह थी कि वह समझने में समय लगाता था और फिर भी उचित परिणाम नहीं दे पाता था।
उसके टीचर भी उससे नाराज रहते थे, क्योंकि वह पढ़ने में बहुत कमजोर था और उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था। परीक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा खराब हो रहता था। इसलिए बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे।
धीरे धीरे स्कूल जाना उसके लिए एक सजा के समान हो गया था। वह जैसे ही कक्षा में घुसता बच्चे उस पर हंसने लगते। कोई उसे महामूर्ख, तो कोई उसे बैलों का राजा कहता था। यहाँ तक की कुछ अध्यापक भी उसका मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते थे। How To Know Our Destiny छात्र जीवन कैसे जिए How To Live Student Life 01 Tip
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subhash
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