
How To Make Fast Progress- Painter Story
सभी लोगों ने तरक्की करने के लिए ही जन्म लिया है। और उनके अंदर इतनी काबिलियत और क्षमता भी है कि वे तरक्की कर सकते हैं। वे ईमानदारी से परिश्रम भी करते हैं और सफल भी होते हैं। किंतु उस सफलता को एक बड़ी सफलता में नहीं बदल पाते हैं। इसका सिर्फ एक कारण है। इस कारण को जानने के लिए हम एक कहानी देखते हैं। तरक्की रुकने का सबसे बड़ा कारण How To Make Fast Progress
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एक साधारण आदमी था। वह पेंटिंग अच्छी बनाता था। वह रोज एक पेंटिंग बनाता और बाजार में ₹500 में वह पेंटिंग बेच देता था। यह काम वह रोज ही करता था। रोज शाम को एक पेंटिंग बनाता और बाजार में ₹500 में बेच देता। इस तरह वह महीने के ₹15000 कमाता था। और जीवन ठीक-ठाक गुजर रहा था। ऐसा करते हुए उसे बहुत साल गुजर गए और उसकी उम्र इतनी हो गई कि अब उसके लिए पेंटिंग बनाना थोड़ा मुश्किल होने लगा। क्योंकि अब उसके हाथ कांपने लगे थे और फिर बाजार में जाकर पेंटिंग बेचना भी होता था। How To Make Fast Progress

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उसका एक बेटा था। उसने सोचा कि उसकी पेंटिंग का जो हुनर है वह अपने बेटे को सिखा दें ताकि बेटा काम कर सके। फिर वह अपने बेटे को पेंटिंग बनाना सिखाने लगा। जैसे उसने अपने पिता से सीखा था। उसने अपने बेटे से कहा कि बेटा मेरी उम्र हो गई है। अब से पेंटिंग तू बनाएगा और मैं तुझे सिखाऊंगा की पेंटिंग कैसे बनाई जाती है। फिर वह अपने बेटे को सिखाता है कि पेंटिंग कैसे करते हैं, कलर कैसे भरते हैं, पेंटिंग की कल्पना कैसे करते हैं, उसे आकर्षक कैसे बनाते हैं और पेंटिंग को बेचते कैसे हैं? धीरे-धीरे उसका बेटा पर्याप्त सीख लेता है। फिर उसका बेटा अपनी पहली पेंटिंग बनाता है और बाजार में बेचने जाता है और अपनी पेंटिंग को ₹100 में बेच कर घर आता है। घर आकर जब उसके पिता को बताता है तो पिताजी बहुत खुश होते हैं कि बेटे ने पहली पेंटिंग बेच दी है। लेकिन बेटा खुश नहीं था। उसने अपने पिता से कहा कि पिता जी आप तो अपनी पेंटिंग ₹500 में बेचते थे लेकिन मेरी पेंटिंग सिर्फ ₹100 में बिकी है। बेटा कहता है कि मुझे थोड़ा और सिखाइए। आपको जरूर कुछ ऐसा पता है जो मुझे पता नहीं। तो पिताजी ने उसे थोड़ी बारीकी और सिखाई। तरक्की रुकने का सबसे बड़ा कारण How To Make Fast Progress
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कुछ समय बाद जब बेटा थोड़ा और एक्सपर्ट हो गया तो उसने अपनी दूसरी पेंटिंग बनाई और बाजार में बेचने गया। इस बार उसकी पेंटिंग ₹200 में बिकी। पहले की ही तरह वह घर आया। पिताजी को बताया। पिताजी खुश हुए। लेकिन वह खुश नहीं था। उसने पिता जी से कहा कि मैं खुश नहीं हूं क्योंकि अभी भी कुछ ऐसा है जो मुझे पता नहीं है। क्योंकि आपकी पेंटिंग ₹500 में बिकती थी जबकि मेरी सिर्फ ₹200 में बिकी है। मुझे थोड़ा और सिखाइए। पिताजी ने एक बार फिर से पेंटिंग की हर बारीकी उसे बहुत ध्यान से सिखाई। बेटे ने भी बड़े ध्यान से सीखा। फिर उसने अगली पेंटिंग बनाई और बाजार में बेचने गया। इस बार उसकी पेंटिंग ₹300 में बिकी। बेटा घर आया और जब पिताजी को बताया तो पिताजी खुश हुए। पिताजी ने कहा कि तुम तरक्की करते जा रहे हो। लेकिन बेटा फिर भी मायूस था। उसने पिता जी से कहा कि मेरी पेंटिंग सिर्फ ₹300 में बिकी है और आपकी पेंटिंग हमेशा ₹500 में बिकती थी। अभी भी आपको ऐसा क्या पता है जो मुझे पता नहीं है। पिताजी ने उससे कहा कि बेटा मायूस मत हो। क्योंकि मैं तुझे हमेशा यह सिखाता रहूंगा कि महंगी पेंटिंग कैसे बनाते और बेचते हैं। फिर बेटे ने पिता से और सीखा। तरक्की रुकने का सबसे बड़ा कारण How To Make Fast Progress
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जब वह अगली पेंटिंग बनाकर बाजार में बेच कर वापस घर आया तो बहुत ज्यादा खुश था। जब पिताजी ने पूछा कि आज तुम इतने खुश क्यों दिख रहे हो? तो बेटा बोला कि पिताजी इस बार मेरी पेंटिंग ₹700 में बिकी है। पिताजी बहुत खुश हुए और बोले कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि तुम्हारी पेंटिंग ₹700 में बिकी है। अब मैं तुझे यह बताऊंगा कि पेंटिंग को ₹1000 में कैसे बेचते हैं। बेटा बोला कि पिताजी अब रहने दो। क्योंकि आपने आज तक अपनी कोई पेंटिंग ₹500 से ज्यादा में नहीं बेची है और मैंने मेरी पेंटिंग ₹700 में बेची है और अब आप मुझे बताओगे कि पेंटिंग ₹1000 में कैसे बेचते हैं। How To Make Fast Progress
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तो पिताजी ने कहा कि बेटा अब तेरी पेंटिंग ₹700 से ज्यादा में नहीं बिक पाएगी। क्योंकि अब तूने सीखना बंद कर दिया है। जब मैं अपने पिताजी से मतलब तेरे दादाजी से पेंटिंग बनाना सीख रहा था, जो कि अपनी पेंटिंग ₹300 में बेचा करते थे, जब मैंने अपनी पेंटिंग ₹500 में बेची थी तो मैंने भी उनसे यही कहा था कि पिताजी अब रहने दो। क्योंकि आपने अपनी जिंदगी में ₹300 से ज्यादा की पेंटिंग नहीं बेची है और मैंने तो ₹500 में अपनी पेंटिंग बेच दी है। तो अब मैं आपसे क्या सीख लूंगा। अब आपके पास मुझे सिखाने को कुछ नहीं है। उस दिन के बाद से मैंने सीखना बंद कर दिया। और आज तक मैं भी ₹500 से ज्यादा की पेंटिंग नहीं बेच पाया। क्योंकि मेरे अंदर अहंकार आ गया था। How To Make Fast Progress
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जब हम यह मानने लग जाते हैं कि मैं इससे क्यों सीखूं, मैं तो इससे अच्छा कर रहा हूं। तब हम सीखना बंद कर देते हैं। और जिसका सीखना बंद हुआ, उसकी तरक्की रुक जाती है। कोई भी इंसान अलग-अलग लोगों से थोड़ा-थोड़ा सीख कर बहुत कुछ सीख सकता है। क्योंकि हर इंसान सब कुछ नहीं जानता, किंतु हर इंसान कुछ ना कुछ जरूर जानता है। तो दोस्तों इस कहानी का संदेश बहुत ही सरल सा है कि यदि हम अपनी तरक्की को, उन्नति को रोकना नहीं चाहते हो, तो हमेशा जिज्ञासु बने रहो। हर दिन कुछ सीखते रहो। यह कभी मत कहो कि बस अब सीखने को कुछ नहीं है। How To Make Fast Progress
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