प्रथाएं और परंपराएं अंधविश्वास बन जाती है- Practices and traditions become superstition
व्यक्तित्व विकास के मास्टर जी ने कक्षा में बताना शुरू किया कि कैसे प्रथाएं और परंपराएं अंधविश्वास बन जाती है। एक बार एक कुत्ते का बच्चा अपनी मां से बिछड़ कर गांव से दूर एक स्वामी जी के आश्रम में पहुंच जाता है। स्वामी जी उसे प्रेम करते हैं और खाना खिलाते हैं। धीरे धीरे वह कुत्ते का बच्चा वहीं पर बड़ा होने लगता है। How To Manage Old Customs
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स्वामी जी उसे बहुत प्रेम करते थे इसलिए वह उनके आसपास ही खेला करता था। लेकिन अब स्वामी जी की तपस्या में एक व्यवधान उत्पन्न होने लगा था। क्योंकि वह कुत्ते का बच्चा जब भी स्वामी जी तपस्या में बैठते थे, उनकी गोदी में बैठ जाता था और उन्हें चाटता रहता था।
ज्यादा व्यवधान उत्पन्न होने पर स्वामी जी ने अपने एक शिष्य से कहा कि आज से जब भी मैं तपस्या में बैठूं, तो इसे सामने पेड़ से बांध दिया करो। बस फिर क्या था, अब यह नियम बन गया कि जब भी स्वामी जी तपस्या में बैठते थे कुत्ता सामने पेड़ से बांध दिया जाता था। How To Manage Old Customs
एक दिन स्वामी जी की मृत्यु हो गयी तो उनका योग्य शिष्य उनकी गद्दी पर बैठा। वह भी जब तपस्या पर बैठता तो अपने गुरु की तरह कुत्ते का बच्चा पेड़ पर बांधा जाता था।
धीरे धीरे यह नियम बन गया कि स्वामी जी जब भी ध्यान में बैठते थे तो उससे पहले उनके सामने के पेड़ पर कुत्ता बांधा जाता था। धीरे धीरे समय बीतता गया और स्वामी जी बदलते रहे। किंतु यह नियम नहीं बदला। न जाने कितने स्वामी बदल गए किंतु नियम आज भी वही है। क्या आप सिलवेस्टर स्टैलोन को जानते हैं? Sylvester Stallone
एक दिन किसी भक्त ने यह प्रश्न पूछ लिया कि स्वामी जी के सामने यह कुत्ता क्यों बांधा जाता है? उत्तर में यह मिला कि हम से पहले के सभी गुरु ऐसा ही करते थे। अब हमारे गुरु तो गलत हो नहीं सकते। कुछ भी हो, हम हमारी परंपरा, हमारा नियम नहीं तोड़ सकते। How To Manage Old Customs
मास्टर जी ने आगे कहा यह तो एक कहानी भर है किंतु कुछ तात्कालिक जरूरी कार्य अंधविश्वास का रूप ले लेते है। जरा सोचो कि आप किन परंपराओं को निभा रहे हो? क्या उन परंपराओं में कोई ऐसी परंपरा तो नहीं है जो अब जरूरी नहीं है, जिसका कोई आधार नहीं है किंतु अंधविश्वास होने के कारण हम उसे माने चले जा रहे हैं। आखिर मैं ही क्यों? Arthur Robert Ashe Jr.
मास्टर जी ने कहा की सफलता के सूत्र बहुत ही सरल और सीधे होते हैं। यदि कोई सूत्र कठिन लगे तो समझ जाना कि यह नियम सफलता प्राप्त करने के लिए कुत्ते को सामने बांधने के समान है जो कि जरूरी नहीं है। How To Manage Old Customs यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। How To Save Money and Invest पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Manage Old Customs
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ?
किसी ने कहा है कि यदि खुद को बड़ा बनाना है, तो औरों को बड़ा बनाना शुरू करो। यदि खुद को मदद चाहिए तो औरों की मदद करना शुरू करो और बस यही आधार बना badisuccess.com/ को शुरू करने का। MY CONTACT NO. 9753978693
स्वामी विवेकानंद के 3 प्रेरक प्रसंग How To Focus The Goal
प्रथाएं और परंपराएं अंधविश्वास बन जाती है- Practices and traditions become superstition
व्यक्तित्व विकास के मास्टर जी ने कक्षा में बताना शुरू किया कि कैसे प्रथाएं और परंपराएं अंधविश्वास बन जाती है। एक बार एक कुत्ते का बच्चा अपनी मां से बिछड़ कर गांव से दूर एक स्वामी जी के आश्रम में पहुंच जाता है। स्वामी जी उसे प्रेम करते हैं और खाना खिलाते हैं। धीरे धीरे वह कुत्ते का बच्चा वहीं पर बड़ा होने लगता है। How To Manage Old Customs
स्वामी जी उसे बहुत प्रेम करते थे इसलिए वह उनके आसपास ही खेला करता था। लेकिन अब स्वामी जी की तपस्या में एक व्यवधान उत्पन्न होने लगा था। क्योंकि वह कुत्ते का बच्चा जब भी स्वामी जी तपस्या में बैठते थे, उनकी गोदी में बैठ जाता था और उन्हें चाटता रहता था।
ज्यादा व्यवधान उत्पन्न होने पर स्वामी जी ने अपने एक शिष्य से कहा कि आज से जब भी मैं तपस्या में बैठूं, तो इसे सामने पेड़ से बांध दिया करो। बस फिर क्या था, अब यह नियम बन गया कि जब भी स्वामी जी तपस्या में बैठते थे कुत्ता सामने पेड़ से बांध दिया जाता था। How To Manage Old Customs
एक दिन स्वामी जी की मृत्यु हो गयी तो उनका योग्य शिष्य उनकी गद्दी पर बैठा। वह भी जब तपस्या पर बैठता तो अपने गुरु की तरह कुत्ते का बच्चा पेड़ पर बांधा जाता था।
धीरे धीरे यह नियम बन गया कि स्वामी जी जब भी ध्यान में बैठते थे तो उससे पहले उनके सामने के पेड़ पर कुत्ता बांधा जाता था। धीरे धीरे समय बीतता गया और स्वामी जी बदलते रहे। किंतु यह नियम नहीं बदला। न जाने कितने स्वामी बदल गए किंतु नियम आज भी वही है। क्या आप सिलवेस्टर स्टैलोन को जानते हैं? Sylvester Stallone
एक दिन किसी भक्त ने यह प्रश्न पूछ लिया कि स्वामी जी के सामने यह कुत्ता क्यों बांधा जाता है? उत्तर में यह मिला कि हम से पहले के सभी गुरु ऐसा ही करते थे। अब हमारे गुरु तो गलत हो नहीं सकते। कुछ भी हो, हम हमारी परंपरा, हमारा नियम नहीं तोड़ सकते। How To Manage Old Customs
मास्टर जी ने आगे कहा यह तो एक कहानी भर है किंतु कुछ तात्कालिक जरूरी कार्य अंधविश्वास का रूप ले लेते है। जरा सोचो कि आप किन परंपराओं को निभा रहे हो? क्या उन परंपराओं में कोई ऐसी परंपरा तो नहीं है जो अब जरूरी नहीं है, जिसका कोई आधार नहीं है किंतु अंधविश्वास होने के कारण हम उसे माने चले जा रहे हैं। आखिर मैं ही क्यों? Arthur Robert Ashe Jr.
मास्टर जी ने कहा की सफलता के सूत्र बहुत ही सरल और सीधे होते हैं। यदि कोई सूत्र कठिन लगे तो समझ जाना कि यह नियम सफलता प्राप्त करने के लिए कुत्ते को सामने बांधने के समान है जो कि जरूरी नहीं है। How To Manage Old Customs
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subhash
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ? किसी ने कहा है कि यदि खुद को बड़ा बनाना है, तो औरों को बड़ा बनाना शुरू करो। यदि खुद को मदद चाहिए तो औरों की मदद करना शुरू करो और बस यही आधार बना badisuccess.com/ को शुरू करने का। MY CONTACT NO. 9753978693