ये कहानी समझे तो हमेशा खुश रहोगे How To Remain Always Happy
दो शब्द है व्यवहार और आशय। यदि जीवन में खुश रहना है तो इन दोनों के अंतर को समझना बहुत ही जरूरी है। व्यवहार हमें दिखाई देता है। आशय दिखाई नहीं देता, उसे समझना पड़ता है। जब भी हम किसी व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो हमें उसका व्यवहार तो नजर आता है, किंतु उसका आशय नजर नहीं आता और यदि हम उसके आशय को ना समझ कर उसके व्यवहार को ही अंतिम मान ले तो हमें बुरा लगने की संभावना बहुत अधिक है। How To Remain Always Happy
जैसे हमारे माता-पिता यदि हमें डांटते हैं तो हमें ज्यादा समय तक बुरा नहीं लगता। क्योंकि हम जानते हैं कि उनका आशय हमें आगे बढ़ाना है। इसी तरह जब क्लास रूम में टीचर हमें डांटता है या पीटता है तो भी हम जानते हैं कि हमारे टीचर हमें कुछ सिखाना चाहते हैं। How To Remain Always Happy
इसलिए उनके व्यवहार को ना देख कर हम आशय को समझते हैं और बुरा नहीं मानते। इसी तरह हर एक व्यक्ति का यदि आप आशय समझने लगे तो आपको बुरा लगने की संभावना खत्म हो जाएगी। हमारे आसपास के लोग हमारा अच्छा ही चाहते हैं इसलिए हमें उनकी बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए। और यदि कोई व्यक्ति हमारा बुरा ही चाहता हो, तो उसकी बात का बुरा मान कर हम उसे क्यों जीता दें। तो, हमें तो हर हाल में खुश ही रहना चाहिए। एक छोटी कहानी के द्वारा हम इसे और स्पष्ट समझते हैं। How To Remain Always Happy
एक नदी के किनारे बहुत से पेड़ थे। बारिश का मौसम आने वाला था। एक दिन एक छोटी चिड़िया गुजरी ने वहां के एक पेड़ से पूछा,”बारिश आने वाली है, क्या मैं आपकी एक शाखा पर घोंसला बना सकती हूँ? उस घोसले में मैं और मेरे बच्चे रहेंगे।” How To Remain Always Happy
उस पेड़ ने ना कहते हुए, मना कर दिया। चिड़िया को बुरा लगा फिर वह दूसरे पेड़ के पास गई और वही सवाल पूछा,”बारिश आने वाली है, क्या मैं आपकी एक शाखा पर घोंसला बना सकती हूँ? उस घोसले में मैं और मेरे बच्चे रहेंगे।” How To Remain Always Happy
दूसरे पेड़ ने हाँ कह दिया। और चिड़िया ने खुश होकर दूसरे पेड़ पर अपना घोंसला बना लिया और घोंसले में बच्चों के साथ रहने लगी।
कुछ दिनों के बाद बारिश का मौसम आ गया और एक दिन बहुत अधिक बारिश हुई। उस दिन बहुत समय तक बहुत तेजी से पानी गिरता रहा और इसी वजह से पहले पेड़ की जड़ जमीन से उखड़ गई और वह गिर पड़ा। थोड़े समय के बाद पानी ज्यादा हो जाने की वजह से पेड़ पानी में बहने लगा। जब चिड़िया ने उस पेड़ को बहते हुए देखा तो चिढ़ते हुए कहा, जब मैं और मेरे बच्चे तुम्हारे पास शरण के लिये आए थे तब तुमने मना कर दिया था। अब देखो तुम्हारे उसी व्यवहार के कारण तुम्हें यह दिन देखना पड़ रहा है कि तुम जड़ से उखड़ गए हो और पानी में बह रहे हो। How To Remain Always Happy
बारिश में बहते हुए भीड़ ने हंस कर जवाब दिया, “मैं जानता था मेरी जड़ें कमजोर हैं* और मैं इस बारिश में टिक नहीं पाऊंगा। मैं तुम्हारी और बच्चों की जान खतरे में नहीं डालना चाहता था। मना करने के लिए मुझे क्षमा कर दो।” और ये कहते-कहते पेड़ बह गया।
किसी के इंकार को हमेशा उनकी कठोरता न समझे। क्या पता उसके इंकार से आप का भला हो। कौन किस परिस्थिति में है शायद हम नहीं समझ पाए। इसलिए किसी के चरित्र और शैली को उनके वर्तमान व्यवहार से ना तौलें। आशय समझने का प्रयास करें। अब भी यदि कोई DOUBT हो, तो तुरंत कॉल करो 97539 78693 पर How To Remain Always Happy
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Remain Always Happy
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ?
किसी ने कहा है कि यदि खुद को बड़ा बनाना है, तो औरों को बड़ा बनाना शुरू करो। यदि खुद को मदद चाहिए तो औरों की मदद करना शुरू करो और बस यही आधार बना badisuccess.com/ को शुरू करने का। MY CONTACT NO. 9753978693
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दो शब्द है व्यवहार और आशय। यदि जीवन में खुश रहना है तो इन दोनों के अंतर को समझना बहुत ही जरूरी है। व्यवहार हमें दिखाई देता है। आशय दिखाई नहीं देता, उसे समझना पड़ता है। जब भी हम किसी व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो हमें उसका व्यवहार तो नजर आता है, किंतु उसका आशय नजर नहीं आता और यदि हम उसके आशय को ना समझ कर उसके व्यवहार को ही अंतिम मान ले तो हमें बुरा लगने की संभावना बहुत अधिक है। How To Remain Always Happy
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जैसे हमारे माता-पिता यदि हमें डांटते हैं तो हमें ज्यादा समय तक बुरा नहीं लगता। क्योंकि हम जानते हैं कि उनका आशय हमें आगे बढ़ाना है। इसी तरह जब क्लास रूम में टीचर हमें डांटता है या पीटता है तो भी हम जानते हैं कि हमारे टीचर हमें कुछ सिखाना चाहते हैं। How To Remain Always Happy
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इसलिए उनके व्यवहार को ना देख कर हम आशय को समझते हैं और बुरा नहीं मानते। इसी तरह हर एक व्यक्ति का यदि आप आशय समझने लगे तो आपको बुरा लगने की संभावना खत्म हो जाएगी। हमारे आसपास के लोग हमारा अच्छा ही चाहते हैं इसलिए हमें उनकी बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए। और यदि कोई व्यक्ति हमारा बुरा ही चाहता हो, तो उसकी बात का बुरा मान कर हम उसे क्यों जीता दें। तो, हमें तो हर हाल में खुश ही रहना चाहिए। एक छोटी कहानी के द्वारा हम इसे और स्पष्ट समझते हैं। How To Remain Always Happy
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एक नदी के किनारे बहुत से पेड़ थे। बारिश का मौसम आने वाला था। एक दिन एक छोटी चिड़िया गुजरी ने वहां के एक पेड़ से पूछा,”बारिश आने वाली है, क्या मैं आपकी एक शाखा पर घोंसला बना सकती हूँ? उस घोसले में मैं और मेरे बच्चे रहेंगे।” How To Remain Always Happy
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उस पेड़ ने ना कहते हुए, मना कर दिया। चिड़िया को बुरा लगा फिर वह दूसरे पेड़ के पास गई और वही सवाल पूछा,”बारिश आने वाली है, क्या मैं आपकी एक शाखा पर घोंसला बना सकती हूँ? उस घोसले में मैं और मेरे बच्चे रहेंगे।” How To Remain Always Happy
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दूसरे पेड़ ने हाँ कह दिया। और चिड़िया ने खुश होकर दूसरे पेड़ पर अपना घोंसला बना लिया और घोंसले में बच्चों के साथ रहने लगी।
कुछ दिनों के बाद बारिश का मौसम आ गया और एक दिन बहुत अधिक बारिश हुई। उस दिन बहुत समय तक बहुत तेजी से पानी गिरता रहा और इसी वजह से पहले पेड़ की जड़ जमीन से उखड़ गई और वह गिर पड़ा। थोड़े समय के बाद पानी ज्यादा हो जाने की वजह से पेड़ पानी में बहने लगा। जब चिड़िया ने उस पेड़ को बहते हुए देखा तो चिढ़ते हुए कहा, जब मैं और मेरे बच्चे तुम्हारे पास शरण के लिये आए थे तब तुमने मना कर दिया था। अब देखो तुम्हारे उसी व्यवहार के कारण तुम्हें यह दिन देखना पड़ रहा है कि तुम जड़ से उखड़ गए हो और पानी में बह रहे हो। How To Remain Always Happy
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बारिश में बहते हुए भीड़ ने हंस कर जवाब दिया, “मैं जानता था मेरी जड़ें कमजोर हैं* और मैं इस बारिश में टिक नहीं पाऊंगा। मैं तुम्हारी और बच्चों की जान खतरे में नहीं डालना चाहता था। मना करने के लिए मुझे क्षमा कर दो।” और ये कहते-कहते पेड़ बह गया।
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किसी के इंकार को हमेशा उनकी कठोरता न समझे। क्या पता उसके इंकार से आप का भला हो। कौन किस परिस्थिति में है शायद हम नहीं समझ पाए। इसलिए किसी के चरित्र और शैली को उनके वर्तमान व्यवहार से ना तौलें। आशय समझने का प्रयास करें। अब भी यदि कोई DOUBT हो, तो तुरंत कॉल करो 97539 78693 पर How To Remain Always Happy
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subhash
I am Subhash joshi. हर एक पोस्ट के पीछे मेरा सबसे बड़ा मोटिव होता है अपने Readers की life में value add करना। मैंने badisuccess.com/ kyon shuru kiya ? किसी ने कहा है कि यदि खुद को बड़ा बनाना है, तो औरों को बड़ा बनाना शुरू करो। यदि खुद को मदद चाहिए तो औरों की मदद करना शुरू करो और बस यही आधार बना badisuccess.com/ को शुरू करने का। MY CONTACT NO. 9753978693