हमें ही बच्चों को समझना होगा-We must understand children
हेलो दोस्तों मैं हूं विजय लक्ष्मी जोशी आज मैं लाई हूं आपके लिए एक नया टॉपिक How To Solve Child Problem
आजकल हर माता-पिता की शिकायत रहती है कि उनका बच्चा जिद् और असहनशीलता का शिकार हो रहा है। किंतु मैं इसे डिप्रेशन का शिकार कहूंगी। वो गली ब्वॉय, गलियों में कंचे खेलती छोटी-छोटी लड़कियां कहीं दिखती ही नहीं, वह गिल्ली-डंडा, सितोलिया के पत्थर कहीं खो गए है। एकाकीपन से ग्रस्त बच्चे मानसिक तौर पर विद्रोही हो जाते हैं। इनके पीछे मूल कारण शायद ये हैं-
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1. केवल एक बच्चा होने की सोच- Thinking of only having a baby
आजकल 90% पैरंट्स की सोच हो गई है कि बच्चा एक ही अच्छा। केवल एक बच्चे की सोच रखने वाले दंपत्ति उस एक बच्चे के बारे में विचार नहीं करते। आजकल पति-पत्नी दोनों जॉब करते हैं। मां-बाप कामकाजी होने की वजह से बच्चे को उतना समय नहीं दे पाते हैं। अगर दूसरा बच्चा होता तो साथ साथ चलते, खेलते, लड़ते, झगड़ते बच्चे का समय व्यतीत हो जाता तो नि:संदेह बच्चे को एकलता का सामना नहीं करना पड़ता। यह एकलता जब बड़ों को डिप्रेशन का शिकार बना लेती है तो यह तो मासूम दिमाग है। How To Solve Child Problem तरक्की और खुशहाली का रहस्य Secret Of Happiness
2. संयुक्त परिवार ना होना- No joint family
आजकल टूटते संयुक्त परिवारों के कारण बच्चों को प्यार, सहनशीलता, अपनापन, यह सब जो बड़े परिवार में दादा-दादी, बुआ, चाचा, ताऊ आदि से स्वतः ही मिल जाया करता था वह बंद हो गया है। घर वालों का ध्यान अपने प्रति खींचने के लिए बच्चे खाने में नखरे करते हैं। सही पोषण न मिलने के कारण बच्चा, चिड़चिड़ा सा रहता है। वह असहनशील, जिद्दी व कुंठा ग्रस्त होने लगता है। How To Solve Child Problem
आजकल हम खुद बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करके एक तरह का स्पर्धात्मक माहौल पैदा कर देते हैं। हर मां-बाप चाहते हैं 90% से ऊपर मार्क्स तो आना ही चाहिए। अरे, बच्चा अपने छोटे से दिमाग में जो समुंदर भरने की कोशिश करता है ना, वही उसे डिप्रेशन का शिकार बनाने लगता है। पहले 6 साल तक बच्चा बिंदास खेलता था। आजकल तो 2 साल के बच्चों को क्लास में डाल देते हैं। यह सब बातें बच्चों से उनका बचपन छीन लेती है। How To Solve Child Problem कछुए की पीठ Story of Big Change
4. मोबाइल टीवी का अत्यधिक उपयोग- Excessive use of mobile TV
मां बाप को टाइम नहीं है। घर में कोई और बात करने वाला नहीं है, तो बच्चा करेगा क्या? वह अपना अधिकांश समय मोबाइल, टीवी पर गुजारने लगता है। माता-पिता के मोबाइल में बच्चे गेम खेलने में लगे रहते हैं। तब घर का वातावरण संवादविहीन और यांत्रिकी हो जाता है। और यदि बात करने की क्षमता नहीं बढ़ेगी तो बच्चे हाईपर होने लगते हैं। How To Solve Child Problem
तो, दोस्तों यदि हम एक तंदुरुस्त समाज की नींव रखना चाहते हैं और आने वाली पीढ़ी को मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत बनाना चाहते है तो हमें इन बातों पर गौर करके अपना रहन सहन रवैया बदलना होगा। पुराने रीति रिवाज, परंपराओं, खेलों से शिक्षा लेने होगी। तब हमें मिलेंगे हंसते खेलते सहनशील खुशमिजाज बच्चे से।
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Solve Child Problem
हमें ही बच्चों को समझना होगा-We must understand children
हेलो दोस्तों मैं हूं विजय लक्ष्मी जोशी आज मैं लाई हूं आपके लिए एक नया टॉपिक How To Solve Child Problem
आजकल हर माता-पिता की शिकायत रहती है कि उनका बच्चा जिद् और असहनशीलता का शिकार हो रहा है। किंतु मैं इसे डिप्रेशन का शिकार कहूंगी। वो गली ब्वॉय, गलियों में कंचे खेलती छोटी-छोटी लड़कियां कहीं दिखती ही नहीं, वह गिल्ली-डंडा, सितोलिया के पत्थर कहीं खो गए है। एकाकीपन से ग्रस्त बच्चे मानसिक तौर पर विद्रोही हो जाते हैं। इनके पीछे मूल कारण शायद ये हैं-
1. केवल एक बच्चा होने की सोच- Thinking of only having a baby
आजकल 90% पैरंट्स की सोच हो गई है कि बच्चा एक ही अच्छा। केवल एक बच्चे की सोच रखने वाले दंपत्ति उस एक बच्चे के बारे में विचार नहीं करते। आजकल पति-पत्नी दोनों जॉब करते हैं। मां-बाप कामकाजी होने की वजह से बच्चे को उतना समय नहीं दे पाते हैं। अगर दूसरा बच्चा होता तो साथ साथ चलते, खेलते, लड़ते, झगड़ते बच्चे का समय व्यतीत हो जाता तो नि:संदेह बच्चे को एकलता का सामना नहीं करना पड़ता। यह एकलता जब बड़ों को डिप्रेशन का शिकार बना लेती है तो यह तो मासूम दिमाग है। How To Solve Child Problem तरक्की और खुशहाली का रहस्य Secret Of Happiness
2. संयुक्त परिवार ना होना- No joint family
आजकल टूटते संयुक्त परिवारों के कारण बच्चों को प्यार, सहनशीलता, अपनापन, यह सब जो बड़े परिवार में दादा-दादी, बुआ, चाचा, ताऊ आदि से स्वतः ही मिल जाया करता था वह बंद हो गया है। घर वालों का ध्यान अपने प्रति खींचने के लिए बच्चे खाने में नखरे करते हैं। सही पोषण न मिलने के कारण बच्चा, चिड़चिड़ा सा रहता है। वह असहनशील, जिद्दी व कुंठा ग्रस्त होने लगता है। How To Solve Child Problem
3. प्रतिस्पर्धात्मक माहौल- Competitive environment
आजकल हम खुद बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करके एक तरह का स्पर्धात्मक माहौल पैदा कर देते हैं। हर मां-बाप चाहते हैं 90% से ऊपर मार्क्स तो आना ही चाहिए। अरे, बच्चा अपने छोटे से दिमाग में जो समुंदर भरने की कोशिश करता है ना, वही उसे डिप्रेशन का शिकार बनाने लगता है। पहले 6 साल तक बच्चा बिंदास खेलता था। आजकल तो 2 साल के बच्चों को क्लास में डाल देते हैं। यह सब बातें बच्चों से उनका बचपन छीन लेती है। How To Solve Child Problem कछुए की पीठ Story of Big Change
4. मोबाइल टीवी का अत्यधिक उपयोग- Excessive use of mobile TV
मां बाप को टाइम नहीं है। घर में कोई और बात करने वाला नहीं है, तो बच्चा करेगा क्या? वह अपना अधिकांश समय मोबाइल, टीवी पर गुजारने लगता है। माता-पिता के मोबाइल में बच्चे गेम खेलने में लगे रहते हैं। तब घर का वातावरण संवादविहीन और यांत्रिकी हो जाता है। और यदि बात करने की क्षमता नहीं बढ़ेगी तो बच्चे हाईपर होने लगते हैं। How To Solve Child Problem
तो, दोस्तों यदि हम एक तंदुरुस्त समाज की नींव रखना चाहते हैं और आने वाली पीढ़ी को मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत बनाना चाहते है तो हमें इन बातों पर गौर करके अपना रहन सहन रवैया बदलना होगा। पुराने रीति रिवाज, परंपराओं, खेलों से शिक्षा लेने होगी। तब हमें मिलेंगे हंसते खेलते सहनशील खुशमिजाज बच्चे से।
धन्यवाद. How To Solve Child Problem
यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। How To Solve Child Problem
Prof. Vijay Laxmi Joshi
Happiness Coach, Relationship Expert, MA, M. Ed. Right Now Director Of Oxford Junior School, सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्षा