Life Value And Mahatma Buddha

महात्मा बुद्ध और जीवन का मूल्य-Life Value And Mahatma Buddha

आजकल लोग बहुत आसानी से निराश हो जाते हैं और अपने आपको मूल्य हीन समझने लगते हैं। भगवान ने हर व्यक्ति को एक समान बनाया है किंतु जब हम किसी और के द्वारा अपना मूल्यांकन करवाते हैं तो ज्यादातर समय निराशा ही हाथ लगती है। क्योंकि वह व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार ही आप का मूल्य लगाएगा। जीवन का मूल्य समझने के लिए महात्मा बुद्ध द्वारा बताया गया यह तरीका बहुत ही शानदार है। महात्मा बुद्ध और जीवन का मूल्य-Life Value And Mahatma Buddha तो चलिए देखते हैं-

Learn English Easily
Learn Spoken English Easily

एक दिन एक निराश आदमी ने भगवान बुध से पूछा कि “प्रभु जीवन का मूल्य क्या है?”

भगवान बुद्ध ने उसे एक पत्थर दिया और कहा कि जाओ और इस पत्थर का मूल्य पता करके आओ। लेकिन ध्यान रखना इसे बेचना नही है। 

वह आदमी पत्थर को बाजार में एक केले वाले के पास लेकर गया और बोला : इस पत्थर की कीमत क्या है?

केले वाला चमकीले पत्थर को देख कर बोला- किस पत्थर के बदले मैं तुम्हें 24 केले दे सकता हूं।  

आगे एक सब्जी वाले ने उस चमकीले पत्थर को देखा और कहा- एक बोरी प्याज ले जा और इस पत्थर को मेरे पास छोड़ जा।

फिर वह आदमी एक सुनार के पास गया और उसे पत्थर दिखाया। सुनार उस चमकीले पत्थर को देखकर बोला- मैं इसका तुम्हें 25 लाख दे सकता हूं।   

उसने मना कर दिया, तो सुनार बोला-  एक करोड़ में दे दो या तुम खुद ही बता दो इसकी कीमत क्या है, जो तुम मांगोगे वह दूंगा। उस आदमी ने सुनार से कहा- मुझे यह बेचना नहीं है बस कीमत पता करना थी। 

फिर वह आदमी हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया और उसे वह पत्थर दिखाया। जौहरी ने उस पत्थर को देखते ही पहचान लिया क्योंकि वह एक कीमती रूबी था, तो पहले उसने रूबी के पास एक लाल कपड़ा बिछाया, फिर उस बेशकीमती रूबी की परिक्रमा लगाई, माथा टेका। 

फिर जौहरी बोला- ‘कहा से लाया है ये बेशकीमती रूबी? सारी कायनात, सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नहीं लगाई जा सकती, ये तो बेशकीमती है। 

वह आदमी हैरान-परेशान होकर सीधे बुद्ध के पास आया। और दिन भर का अपना अनुभव बताया। वह बोला- ‘अब बताओ भगवान, मानवीय जीवन का मूल्य क्या है?

बुद्ध बोले- केले  वाले ने इसकी कीमत 24 केले लगाई। सब्जी वाले ने इसे एक बोरी प्याज में खरीदना चाहा। सुनार ने इसकी कीमत एक करोड़ तक लगा दी और जौहरी ने इसे बहुत कीमती बताया। 

बस इसी तरह से जीवन का मूल्य भी है। हर व्यक्ति अपनी हैसियत के अनुसार, अपनी जानकारी के अनुसार ही इस जीवन का मूल्य लगाता है। लेकिन तुझे घबराने की आवश्यकता नहीं है। सबसे पहले तुझे खुद को मूल्यवान समझना होगा। कुछ ऐसे कार्य करना होंगे जो तुझे विश्वास दिला दें कि तेरा जीवन मूल्यवान है। तब तुझे ऐसे लोग भी मिल जाएंगे जो तुझे मूल्यवान मानेंगे। महात्मा बुद्ध और जीवन का मूल्य-Life Value And Mahatma Buddha

इस जीवन में जब भी ऐसा लगे कि मेरा जीवन मूल्यवान नहीं है। तो समझ जाना कि इसके सिर्फ दो ही कारण हो सकते हैं। या तो सच में आपने अभी तक कुछ ऐसा नहीं किया है जो मूल्यवान हो या फिर आप अपनी कीमत किसी ऐसे व्यक्ति से लगवा रहे हो जिसे आप के मूल्य का पता ही नहीं है। इसमें सबसे पहले तो आपको ही खुद का मूल्य समझना होगा। यदि आप ही स्वयं को कीमती नहीं मानते हो तो सामने वाले से तो इसकी उम्मीद करना ही बेकार है। महात्मा बुद्ध और जीवन का मूल्य-Life Value And Mahatma Buddha

यदि आपके पास हिंदी/इंग्लिश में कोई Article, Business Idea, Inspirational Story या जानकारी है जो आप दुनिया के साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें इस नंबर 9753978693 पर व्हाट्सएप करें। पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ badisuccess.com पर पब्लिश करेंगे। मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

  1. गुस्से पर नियंत्रण कैसे रखें How To Control Anger
  2. ये कहानी समझे तो हमेशा खुश रहोगे Always Happy
  3. आखिर मैं ही क्यों? Arthur Robert Ashe Jr.
  4. क्या आप सिलवेस्टर स्टैलोन को जानते हैं? Sylvester Stallone
  5. अभ्यास आपको पूर्ण बनाता है Practice Makes Man Perfect
  6. माइकल जॉर्डन की कहानी Michael Jordan’s Story
  7. जिद और सफलता की दो मिसाल Dashrath Manjhi Nawazuddin Siddiqui
  8. What is Mind Conditioning- Two Stories
  9. तरक्की रुकने का सबसे बड़ा कारण Painter Story
  10. क्यों जरूरी है माइंड शार्प करना Story Of Axe man
  11. आपकी असली ताकत Know Your True Potential
  12. Only Money, Money & Money
  13. असफलता का सबसे बड़ा कारण Biggest Reason of Failure
  14. सतत प्रयास क्यों जरूरी है? What is Consistency?
Share & Help Others
error6
fb-share-icon100
Tweet 20
fb-share-icon20
Albert Einstein Special Famous Story
Story of Henry Ford-हेनरी फोर्ड

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *