
What is patience? धैर्य क्या है?
आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी- Rome was not built in a day. इसका अर्थ है कि रोम 1 दिन में नहीं बना था। मतलब कोई भी कार्य हो रात भर में नहीं हो जाता है। आपने सफलता के शिखर को छूने की ठान ली है। आपने दृढ़ निश्चय कर लिया है कि अब तो मैं सफल होकर ही रहूंगा। फिर आपने एक SMART GOAL बना लिया है और आप अपने GOAL को पाने के लिए ACTION ले रहे हो। वह Action भी आप Focus के साथ, Concentration के साथ ले रहे हो, किंतु इन सभी के होने के बाद भी आपको तब तक सफलता नहीं मिलेगी जब तक आप धैर्य रखकर लगातार काम नहीं करते। What is patience? धैर्य क्या है?

इस बात को कुछ छोटे-छोटे उदाहरणों के माध्यम से समझो। आपके पास एक मैग्नीफाइंग ग्लास है और तेज धूप में आप एक कागज पर उसे फोकस कर रहे हो। लेकिन यदि आप इस एक्शन को धैर्य के साथ कुछ समय तक नहीं करोगे तो कागज में कभी आग नहीं लगेगी। इसी तरह यदि आप गेहूं की फसल लेना चाहते हो, तो बीज बोने के पहले और बाद की पूरी Process करने के बाद भी आपको लगभग 80 से 90 दिन तक धैर्य रखना होगा। यदि आप यह कोशिश करते हो कि ज्यादा पानी, धूप, खाद देकर फसल को जल्दी बड़ा कर लूं, तो आपको निराशा ही हाथ लगेगी। यदि आप आम का पौधा लगाते हो तो तीन-चार साल से पहले उसमें फल नहीं आते। यदि आप कोशिश करोगे तो वह कोशिश बेकार ही जाएगी। ऐसे कितने ही उदाहरण दिए जा सकते हैं।
निष्कर्ष- Conclusion-What is patience? धैर्य क्या है?
कहने का अर्थ बस इतना है कि किसी भी चीज के निर्माण में और पूर्णता प्राप्त करने में एक निर्धारित समय तो लगता ही है। वह समय उसे देना ही होगा। आप चाहो या ना चाहो। आपको कितनी भी जल्दी हो, लेकिन वह समय उसे देना ही होगा। तभी तो हम हमारे GOAL को TIME BOUND करते हैं। TIME BOUND का अर्थ ही है कि हम उसे एक निर्धारित समय, एक निश्चित समय दे रहे हैं। इसका अर्थ है कि उस समय तक हमें परिणाम नहीं देखना है। इसी तरह से कोई भी अच्छी आदत हो उसे बनाने में भी कम से कम 21 दिन तो लगते ही है। अब यदि आप यह चाहो कि बगैर समय दिए कोई आदत बन जाए तो ऐसा तो होगा नहीं। इसे ही कहते हैं यदि आप बड़ी सफलता चाहते हो तो आपको बड़ा धैर्य रखना ही होगा। What is patience?
How to develop patience? धैर्य कैसे विकसित करें?
Why patience is necessary? धैर्य क्यों जरूरी है?
धैर्य जरूरी है, हम को ऊपर के उदाहरण से समझ में आ गई है। अब हमें इस बात पर विचार करना है कि यदि धैर्य रखना इतना ही ज्यादा जरूरी है तो हमें इसे Develop करते आना चाहिए। क्योंकि 95% लोग औसत जिंदगी जी रहे हैं तो उसकी कुछ खास वजह है। उन खास वजह में धैर्य का ना होना भी एक है। सफलता के शिखर को छूने के लिए जिन कार्यों को करना जरूरी है उन्हें तो करना ही होगा अर्थात एक निर्धारित समय तो लगाना ही है तो फिर इसे जानकर उपयोग करना बेहतर है। करना बस इतना है कि आपको पहले पता करना है कि अभी आप किसी कार्य को कितना समय देते हो और फिर धीरे-धीरे थोड़ा-थोड़ा समय बढ़ाना है। ज्यादातर लोग एकदम समय बढ़ाने की गलती करते हैं। यही कारण है कि वे कुछ समय बाद उस कार्य को बिल्कुल बंद कर देते हैं, छोड़ देते हैं।
जैसे आप जिम जाना शुरू करें तो पहले से ही आपको लिख लेना चाहिए कि यदि मैं जिम जाना शुरु करता हूं तो आने वाले 6 महीने तक मेरे शरीर में ऐसा कोई परिवर्तन नहीं आएगा जिसे मैं रिजल्ट कहूंगा। अब यदि आप निर्धारित करके जिम गए हैं तो 6 महीने तक बगैर रिजल्ट के व्यायाम करना ही है तो आप शांत चित्त होकर रोज अपनी एक्सरसाइज कर सकेंगे। What is patience?
लेकिन अक्सर देखा यह जाता है कि लोग दो-चार दिन और ज्यादा से ज्यादा एक दो महीने तक व्यायाम करते हैं और फिर शरीर में मनचाहा परिवर्तन ना आने की वजह से जिम जाना, व्यायाम करना छोड़ देते हैं। नए वर्ष पर न जाने कितने वादे किए जाते हैं कि हम इस नए साल में यह-यह करेंगे किंतु वे आने वाले 1 से 2 महीने में ही अर्थात जनवरी-फरवरी आते आते ही वे वादे टूट जाते हैं। क्योंकि हम धैर्य का महत्व समझते ही नहीं है, कि धैर्य का उपयोग किस तरह से करना है। यदि आप पहले से ही लिख लेंगे कि यह कार्य तो मुझे इतने समय तक करना ही है, भले ही रिजल्ट ना दिखे। तो आप देखेंगे कि एक निर्धारित समय पूरा करने के बाद आपको परिणाम मिल जाएंगे। तो दोस्तों धैर्य को समझो, उसका उपयोग करो। किसी भी कार्य को करने से पहले ही लिख लो कि इतना समय तो हम इसमें लगाएंगे ही, उसके बाद ही परिणाम की उम्मीद करेंगे। What is patience?
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Exactly, we often stop work in between due to lack of patience.